
आलू की खेती, आलू की खेती कैसे की जाती है
किसान भाइयों आज हम आलू की खेती के बारे में बात करेगे जिसे गरीब आदमियों का साथी कहते है और सब्जियों का राजा भी कहते है आलू की खेती ऐसी खेती है जो भारत के लगभग सभी राज्यों में की जाती है आलू एक ऐसी खेती है जिसका उपयोग हर किसी के घर मे किया जाता है उसके अलावा बड़ी बड़ी कंपनी जो आलू की चिप्स या कुछ और चीज बनाते है वहा पर भी आलू का उपयोग बहुत ज्यादा होता है इस तरह से आलू की माग बहुत ज्यादा बनी रहती है इसकी मांग विदेशों ने भी बनी रहती है
किसान भाइयों अगर आप भी आलू की खेती करते हो तो आप इसे अच्छे दामों में बेच सकते हो इसके अलावा आलू की खेती ऐसी खेती है जो सभी फसल से ज्यादा उत्पादन देती है आलू की खेती लम्बे समय तक चलने वाली खेती है
किसान भाइयों अगर आप भी आलू की खेती करते हो तो आपको अच्छा उत्पादन प्राप्त हो सकता है इसके लिए आपको आलू की खेती के बारे में जानकारी होनी बहुत आवश्यक है कि आलू की खेती की राख स्माल कैसे करे कब फसल को पानी देगे है आलू की खेती में कोन कोन से रोग लगते लगते है उसका समाधान कैसे करे इस तरह की सभी जानकारी आपको होनी बहुत आवश्यक है इसके बाद ही आप आलू की खेती से अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हो।
किसान भाइयों हम आपको इस आर्टिकल में आलू की खेती से जुड़ी सभी जानकारी देंगे जैसे कि आलू की कौनसी वेरायटी बोनी चाहिए कब बोनी चाहिए आलू को गलने से कैसे बनाये वह आलू में लगने वाले सभी रोगों से कैसे बचे इन सभी प्रकार की जानकारी वह इससे जुड़ी अन्य जानकारी भी आपको हम इस आर्टिकल में देगे जिससे आप आलू की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते
तो आइए हम जानते है कि आलू की खेती कैसे करे वह इससे होने वाले लाभ के बारे में जानते है
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आलू की खेती कैसे की जाती है
किसान भाइयों आलू की खेती के लिए अच्छे जल निकाश वाली मिट्टी होनी चाहिए जो उपजाऊ मिटी होनी चाहिए बलुई दोमट मिटी, काली मिटी, पीली मिटी आदी प्रकार की भूमि में आप आसानी के खेती कर सकते हो। जिसमे मिट्टी का ph मान 6 से 8 के बीच मे हो।
आलू की खेती के लिए भूमी
जलवायु
किसान भाइयों आलू की खेती के लिए जलवायु की बात करे तो आलू के अनुकरण के लिए 25 डिग्री सेल्सियस की आवश्यकता होती है ओर आलू की वर्द्धि और विकास के लिये आपको 15 डिग्री से 25 डिग्री तापमन की आवश्यकता होती है जिससे आलू की वर्द्धि अच्छी होती है
आलू की किस्मे
किसान भाइयों आलू की किस्मो की बात करे तो आलू की बहुत सी किस्म है जो अलग अलग जगह अलग अलग किस्म का उपयोग किया जाता है हम उसमें से कुछ किस्मो के बारे में बतायेगे
- कुफरी पुखराज
- कुफरी बहार
- कुफरी गंगा
- कुफरी चंद्रमुखी
- कुफरी सिधुरी
- कुफरी सगम
- कुफरी पुखराज
किसान भाइयों हम कुफरी पुखराज किस्म की बात करे तो यह किस्म महाराष्ट्र, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल के किसान भाई इसको लगा सकते है
कुफरी पुखराज की किस्म का आलू साइज में बडा ओर लम्बा होता है यह किस्म 70 से 90 दिन में तैयार हो जाती है यह किस्म 400 क्विटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देती है
- कुफरी बहार
यह किस्म 100 से 110 दिन में तैयार होने वाली है यह किस्म जल्द से खराब नही होती इसकी उत्पादन क्षमता की बात करे तो यह 400 क्विटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देता है
यह किस्म हरियाणा, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, वह जम्मू कश्मीर ओर पंजाब में के कुछ हिस्सों में उगाई जाती है
- कुफरी गंगा
यह खेती उत्तरी भारत के मैदानों के लिए बहुत अच्छी है कुफरी गंगा की बात करे तो यब खेती 90 से 100 दिन में तैयार हो जाती है
ओर इसके उपज की बात करे 300 से 400 क्विटल प्रति हेक्टेयर प्राप्त हो जाता है
- कुफरी चंद्रमुखी
किसान भाइयों हम कुफरी चंद्रमुखी की बात करे तो इसकी खेती 80 से 90 दिन में तैयार हो जाती है
कुफरी चंद्रमुखी की उत्पादन क्षमता की बात करे तो यह 200 क्विटल उत्पादन देती है
- कुफरी सिधुरी
कुफरी सिधुरी की बात करे तो इसकी खेती महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, पजाब, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश,
बिहार , आदी राज्यो में इस किस्म को उगाया जाता है वह अच्छा मुनाफा कमाया जाता है
यह किस्म 110 से 120 दिन में तैयार हो जाती है इस खेती से औसत उत्पादन 450 क्विटल प्रति हेक्टेयर दे देती है
- कुफरी सगम
आलू की यह किस्म बहुत अच्छी किस्म है इस किस्म का आलू भी खाने में स्वाद होता है इस किस्म को राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, पजाब, हरियाणा आदी राज्यो में लगाया जा सकता है यह किस्म 95 से 105 दिन में तैयार हो जाती है
आलू की अगेती किस्म 80 से 100 दिन में बनकर तैयार हो जाती है इसकी कुछ वैरायटी है कुफरी अलंकार, कुफरी अशोका, कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी पुखराज, कुफरी जवाहर, कुफरी ज्योति, कुफरी नवजोत, आदि ये कुछ किस्मे है जिसको आप अगेती लगा सकते हो
आलू की मध्यम समय की किस्मे
यह किस्मे 100 से 115 में पककर तैयार हो जाती है
कुफरी सदाबहार, कुफरी सतलुज, कुफरी बहार, कुफरी लालिमा कुफरी मेधा, कुफरी शितमान, कुफरी आनंद, आदि किस्मे है जिसको आप मध्यम समय मे लगा सकते हो।
आलू की पछेती किस्म
किसान भाइयों आलू की पछेती किस्म 110 दिन से 130 दिन में तैयार हो जाती है जिसकी कुछ वेरायटी इस प्रकार है कुफरी सिंदूरी, कुफरी देवा, कुफरी गिरिराज, आदि पछेती वेरायटी है जिसका आप उपयोग कर सकते हो।
जैविक खेती के बारे में जानकारी
आलू की खेती करने का समय
किसान भाइयों आलू की खेती ठंडे मोसन में की जाती है इसकी खेती सभी राज्यों में 5 से 7 दिन के अंतराल में बोई जाती है क्यो की जिस राज्यो में मानसून जल्दी आ जाता है वहा पर जल्दी बुवाई कर दी जाती है
किसान भाइयों आलू की खेती का बुवाई समय की बात करे तो इसकी अगेती बुवाई 15 सितम्बर से 25 सितंबर का है
ओर मध्यम बुबाई की खेती 15 अक्टूबर से 25 अक्टूबर का है पछेती बुवाई की बात करे तो इसकी पछेती बुवाई 15 नवम्बर से 25 दिसंबर तक का है
किसान भाइयों आलू की खेती का अगर बिल्कुल सही समय हम माने तो 15 सितंबर से 25 अक्टूबर का होता है जिसमे आलू की खेती अच्छी पैदावार देती हैं
आलू की खेती के लिए खेत तैयार
किसान भाइयों आलू की बुवाई करने से पहले हमें खेत को अच्छी तरह तैयार करना होता है उसके बाद आप खेत में बुवाई करते हो तो अच्छी पैदावार देती है
किसान भाइयों खेत तैयार करने के लिए खेत को कल्टीवेटर से अच्छी तरह जुताई कर लेनी चाहिए
कल्टीवेटर की अंतिम जुताई से पहले खेत मे केचुआ खाद या सड़ा हूवा गोबर की खाद डाल दे उसके बाद अंतिम जुताई भी कर ले जिससे गोबर की खाद या केंचुआ खाद मिट्टी में अच्छी तरह मिल सके
उसके बाद खेत मे पाटा लगाकर खेत को समतल कर ले जिससे बुवाई अच्छी होगी और पानी भी पूरी भूमी में सही लगेगा
आलू की बुवाई कैसे करे
किसान भाइयों आलू की बुवाई करने से पहले आपको यह मालूम होना चाहिए कि आलू की बीज की मात्रा कितनी रहेगी
उसके बाद ही आपको खेत मे बुवाई करनी चाहिए जिससे आलू अधिक सकडा या अधिक दूर ना हो
किसान भाइयों अगर आलू का बीज 10 ग्राम वजन का हो तो उसके लिए आपको 12 से 15 क्विटल प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता पड़ती है अगर 30 ग्राम वजन वाला हो तो 25 से 30 क्विटल प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता पड़ती है
आलू के बीज की बुवाई से पहले आलू के बीज को उपचारित जरूर कर ले ताकी बीज का अंकुरण अच्छा हो तथा रोग भी कम से कम लगे
आलू की बुवाई 40 से 50 सेंटीमीटर की दूरी पर करनी चाहिए
आलू की बुबाई होने के बाद खेत मे हल्का पानी अवशय लगा ले या फिर फवारे से सिचाई कर दे तो अंकुरण बहुत अच्छा होगा
खाद वह उवर्रक
किसान भाइयों आलू की खेती की अच्छी बढवार करने के लिए आलू के खेत मे खाद वह उर्वरक का उपयोग करना बहुत आवश्यक हो गया है तो आइए जानते है कितनी मात्रा में हमे खाद वह उर्वरक का उपयोग करना चाहिए
यूरिया 250 किग्रा
डी ए पी 150 किग्रा
एम. ओ. पी. 170 किग्रा
दियान रखे कि यूरिया का उपयोग एक साथ नही करना इसे हम 3 भागो में बांट देना है पहली बार् बुवाई के समय 80 किग्रा खाद का उपयोग करना है
उसके बाद जब फसल 30 से 40 दिन की हो जाती है उस समय आपको 80 किग्रा यूरिया का छिड़काव करना है और उसके बाद आपको 50 से 60 दिन में छिड़काव करना है
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आलू की खेती में सिचाई
किसान भाइयों आलू की खेती में हमे समय समय पर सिचाई करनी बहुत आवश्यक है जिससे आलू के पौधे में जड़े अधिक से अधिक फैले
आलू की सिचाई आलू के लगाने के तुरत बाद करनी चाहिए या फुवारा विधि से सिचाई कर देनी चाहिए
उसके बाद आपको 15 दिन के अंतराल पर दूसरी बुवाई कर देनी चाहिए
इसके बाद आपको हर सिचाई में 20 से 25 दिन का अंतराल होना चाहिए
अंतिम सिचाई आपको आलू की खुवाई से 15 दिन पहले बंद कर देनी चाहिए
आलू की सभी सिचाई आपको नॉर्मल सिचाई के साथ करनी चाहिए जिससे आलू में सडन समस्या नही आएगी
आलू में खरपतवार नियंत्रण
किसान भाइयों आलू की खेती में आपको खरपतवार नियत्रण करना बहुत आवश्यक है आलू से खरपतवार आपको हर सिचाई के बाद करना चाहिए
आलू की खेती में किट नाशक नियंत्रण
किसान भाइयों आलू की खेती में बहुत से प्रकार के किट है जिससे आलू की खेती का बचाव करना चाहिए
माहू
किसान भाइयों आलू की खेती में माहू रोग लगता है जिससे पौधों का विकास रुक जाता है यह किट फसल के 50 से 60 दिन होने के बाद दिखाई देता है
यह किट हल्के पीले वह हरे रग का होता है इस कीट पर समय पर नियंत्रण करना बहुत आवश्यक है
इसके लिए इमिडाकलोप्रिड्ड 17.8 एस एल की 8 मिली लीटर मात्रा प्रति 15 लीटर पानी मे डालकर छिड़काव करें
इसके अलावा यह भी धियान रखे कि आलू की खेती के पास किसी अन्य सब्जी की खेती ना करे।
सफेद मखी
किसान भाइयों सफेद मखी को हम व्हाइट फ्लाई के नाम से भी जाना जाता है यह कीड़ा फसल की पतियों पर बैठकर पतो का रस चूसती है जिससे पोधे कमजोर जो जाते है
इसके उपचार के लिए आपको इमिडाकलोप्रिड्ड 17.8 एस एल की 2 मिली लीटर मात्रा प्रति 10 लीटर पानी मे डालकर छिड़काव
अगेती झुलसा रोग
किसान भाइयों यह रोग ज्यादा तर सूखे मोसम में दिखाई देता है इस रोग से पतियों के निचले भाग पर धब्बे बन जाते है और धीरे धीरे आलू की पतिया सुख जाती है
इसके बचाव के लिए आपको मेकोजेब रासायनिक 2 किग्रा मात्रा प्रति हेक्टेयर 800 लीटर पानी मे मिलाकर छिड़काव करना चाहिए
इसके अलावा आपको फसल चक्र अपनाना चाहिए जिससे रोगों से बचा जा सके
पछेती झुलसा रोग
किसान भाइयों इस रोग से सबसे ज्यादा नुकसान होता है
इस रोग के लक्ष्ण – पतियों पर छोटे छोटे पीले रंग के धब्बे होते है ओर कुछ ही दिनों में पौधा समाप्त हो जाता है
यह रोग 10 से 25 डिग्री तापमान पर बहुत अधिक फैलता है
इसके बचाव के लिए आपको अच्छे बीज का उपयोग करना चाहिए
इस रोग से बचने के लिए आपको मेंकोजेब 2 किग्रा प्रति हेक्टेयर 12 से 15 दिन के अन्तराल पर छिड़काव करते रहे
अगर यह रोग आपकी फसल में लग जाता है तो आपको मेटालक्सिल 8% ओर मेंकोजेब 64% को मिलाकर 2.5 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से 800 लीटर पानी मे छिड़काव करें
जीवाणु उकठा रोग
इस रोग से पोधे छोटे रह जाते है ओर पतिया सुख जाती है धीरे धीरे पूरा पौधा खराब हो जाता है
इसमे बचाव के लिए बीज को अच्छी तरह उपचारीत करके लगाये उपचारित करने के लिए आपको स्ट्रेपटोसाईक्लिन का घोल बनाकर उपचारित करे
पती मोड़क विषाणु
इस रोग से पतिया अंदर की ओर मुड़ जाती है ओर पतिया पीली पड़नी शुरू हो जाती है
ये पतिया मुड़नी नीचे से शुरू होती है और धीरे धीरे ऊपर तक पतिया मूड जाती है जिससे पौधा भी छोटा रह जाता है
इसके बचाव के लिए आपको डाईमेथोएट या मोनोक्रोटोफास दवा एक लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 800 लीटर पानी मे मिलाकर छिड़काव करें
आलू की खुदाई
किसान भाइयों आलू की खुदाई करने से पहले आलू को चेक करना आवश्यक है कि आलू बाजार में ले जाने के लिए परिपक्व है या नही इसके लिए आपको 80 से 90 दिन की फसल होने के बाद आलू हाथ मे लेकर आलू का छिलका अंगूठे की सहायता से उतारने की कोशिश करे अगर आलू का छिलका उतर जाता है तो आलू बाजर में ले जाने के लिए अभी तैयार नही है अगर आलू का छिलका नही उतरता तो आलू बाजार में ले जाने के लिए तैयार हो जाता है
फिर आप इसकी खुदाई कर सकते हो आलू की खुदाई करके आलू की छटाई कर ले जिसमे गला आलू या कटा आलू अलग निकाल दे वह साफ आलू को गटे में डालकर बाजार् में ले जा सबके हो
किसान भाइयों आलू की खुदाई से 15 दिन पहले आपको खेत मे पानी लगाना बंद कर देना है क्यो की आलू गलने से बच सके जिससे सूखा आलू भूमि से बाहर आयेगा
आलू की उपज
किसान भाइयों आलू के उत्पादन की बात करे तो आलू का उत्पादन अलग अलग वेरायटी का होता है जिसकी उपज भी अलग अलग रहती है
किसान भाइयों आलू की औसत उत्पादन की बात करे तो 250 क्विटल से 350 क्विटल तक का उत्पादन देता है
आलू के फायदे
किसान भाइयों आलू के बहुत से फायदे भी है जैसे कि
आलू में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं
कच्चे आलू के रश पीने से दाग फुंसी, गेस, ओर मासपेशियों के रोग दूर होते है
इसके अलावा आलू खाने से मोटापा भी आता है अगर आप पतले है तो आपको आलू का सेवन करना चाहिए
आलू में भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जिससे हमारे शरीर की पाचन शक्ति को बढ़ाता है
आलू का सेवन मुह के छालों को खत्म करता है
आलू के सेवन से मस्तिष्क के लिए लाभदायक है
इसमे स्टार्च की मात्रा बहुत अधिक होती है
आलू के उपयोग
किसान भाइयों आलू के बहुत से उपयोग जिसके कारण आलू की माग बाजार में वर्ष भर बनी रहती है तो आइए हम जानते है कि आलू के क्या क्या उपयोग है
किसान भाइयों आलू का उपयोग रसोई घर मे किया जाता है जिससे लगभग सभी प्रकार की सब्जियां में किया जाता है पकोड़े बनाने में किया जाता है पराठे बनाने में किया जाता है इसके अलावा भी आलू का उपयोग रसोई घर मे होता रहता है जैसे कि आलू का हलवा बनाना आदि
इसके अलावा आलू का उपयोग बड़ी बड़ी कंपनियों में होता है वहा पर आलू की माग बहुत ज्यादा रहती है क्यो की आलू के उपयोग से अलग अलग वेरायटी की चिप्स बनाई जाती है आलू के बुजीये बनाये जाते है इसके अलावा भी आलू के बहुत से उपयोग है
प्रश्न
आलू की फसल कितने दिन में आती है?
आलू की फसल 90 से 120 दिन मे तेयार हो जाती है
आलू बोने का सही समय क्या है?
आलू बोने का सही समय 15 सितंबर से 25 अक्टूबर
1 बीघा में कितने आलू निकलते हैं?
1 बीघा में 250 से 350 क्विंटल
निष्कर्ष
किसान भाइयों आज हमने आपको आलू की खेती कैसे की जाती है इसके बारे में जानकारी दी है जिसमे आपको सभी प्रकार की जानकारी दी है कि आपको कौनसी वैरायटी का उपयोग करना चाहिए आलू की खेती किस समय की जाती है वह आलू में होने वाले रोगों से सम्बंधित जानकारी भी दी है इसके अलावा आपको आलू के बारे में आपको ओर भी बहुत जानकारी दी है जिससे आपकी पूरी सहायता होगी
किसान भाइयों अगर आपको कुछ समझ नही आ रहा है या कुछ जानकारी आपको हमने नही बताई है तो आप हमें कॉमेंट करके बता सकते हो जिससे बच्ची हुई जानकारी भी हम इस आर्टिकल में जोड़ देगे जिससे कोई भी किसान अगर यह आर्टिक्ल पढ़े तो उसको सभी जानकारी यहाँ से मिले
किसान भाइयों अगर आपको हमारा आर्टिक्ल अच्छा लगा तो आप हमें कॉमेंट करके बता सकते हो जिससे हमें बहुत खुशी होगी अगर आपको कुछ अच्छा नही लगा तो भी हमे बता सकते हो जिससे हम इस आर्टिकल में सुधार लिया सके
किसान भाइयों अगर आपको किसी अन्य फसल के बारे में भी जानकारी लेनी है तो आप हमें कॉमेंट कर सकते हो हम आपको वह जानकारी भी प्रोवाइड करवाएंगे जिससे हमें भी बहुत ख़ुशी होगी