ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती कैसे करें | Mung Ki Kheti Kaise Ki Jaati Hai.

Mung Ki Kheti Kaise Ki Jaati Hai

मूंग की खेती से जुड़ी जानकारी देने के लिए राकेश जी ने हमें टेलीग्राम पर मैसेज किया था हम उन्हे दिल से धन्यवाद देते है अगर आप भी किसान भाई है और आपको खेती से जुड़ी किसी फसल के बारे में जानकारी चाहिए तो आप यहाँ क्लिक करें और जॉइन करें किसान समाधान टेलीग्राम चैनल जहां आपको सारी खेती से जुड़ी जानकारी समय समय पर मिलेगी।

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ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती कैसे करें | Mung Ki Kheti Kaise Ki Jaati Hai

नमस्कार दोस्तो, भारत के अलावा पुरो दुनियाँ के अंदर दलहन की फसल की मांग बहुत ही ज्यादा देखने को मिल रही है। दलहन फसलों की पिछले कुछ सालों में प्रति क्विंटल रेट भी बहुत ज्यादा मिल रहे है। मूंग एक सबसे बढ़िया दलहन की फसल है जिसे राजस्थान में बहुत सी जगह पर बोया जाता है क्योंकि इसे ज्यादा पानी की मात्र नहीं चाहिए होती है। 

अगर आप राजस्थान के अलावा भी ऐसी जगह से है जहां पर ज्यादा पानी की भरपुरता नहीं है उस क्षेत्र में मूंग की खेती बढ़िया मानी जाती है, परंतु मूंग की खेती के लिए एक विशेष प्रकार की जमीन की जरूरत होती है जहां पर इसकी पैदावार अच्छी हो सके। 

अगर किसान भाई भी ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती कैसे करें इससे जुड़ी सारी जानकारी चाहते है तो आज के इस आर्टिक्ल में हम आपके साथ में मूंग की खेती के लिए सबसे बढ़िया जमीन, जलवायु से लेकर मूंग की खेती कैसे करें इसके बारे में सारी जानकारी विस्तार से देने वाले है। 

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मूंग की फसल के बारे में जानकारी | Moong ki Kheti Ki Puri Jankari

मूंग की खेती हमारे भारत देश में सबसे ज्यादा लोकप्रिय दलहन की खेती में से एक मानी जाती है जिसमें कम मेहनत में भी अच्छी उपज मिलती है। मूंग की खेती कनक चना और सरसों की खेती की कटाई करने के बाद की जाती है तथा यह फसल गर्मी और खरीफ दोनों ही समय में बहुत ही कम समय में कम लागत पर पैदा होने वाली फसल है। 

मूंग की खेती कैसे करें | Mung Ki Kheti Kaise ki Jaati Hai

किसान भाइयों, मूंग की खेती कैसे करें इसका एक लाइन के अंदर आपको जवाब नहीं दिया जा सकता है इसके लिए हम आपको मूंग की खेती के लिए जमीन तैयार करने से लेकर मूंग की खेती करने की विधि तक की सारी जानकारी स्टेप बाय स्टेप देंगे तो आप आर्टिक्ल पूरा पढ़ें। 

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मूंग की उन्नत खेती के लिए जलवायु –

दोस्तो वैसे तो मूंग की खेती आप गर्मी और खरीफ दोनों समय मेँ कर सकते है इसके लिए जलवाकी की बात करें तों मूंग की खेती उस क्षेत्र के लिए सबसे बढ़िया मानी जाती है जहां पर साल मेँ 60 से 70 CM तक वरिष होती होती हो। 

कम वर्षा वाली फसल होने के कारण ही राजस्थान के अंदर मूंग की खेती काफी ज्यादा की जाती है और राजस्थान की रेतीली जमीन मूंग की फसल के लिए उपयुक्त भी है। इसके लिए तापमान की बात करें तो मूंग की खेती के लिए 20 डिग्री से लेकर 40 डिग्री तक का तापमान सबसे बढ़िया माना जाता है जिस कारण राजस्थान मेँ मूंग की खेती के लिए तापमान और बारिश की मात्रा दोनों ही उपयुक्त है। 

अगर आपके एरिया मेँ इस प्रकार का तापमान और बारिश भी कम होती है तो आपके लिए मूंग की खेती एक सबसे बढ़िया ऑप्शन हो सकता है। 

मूंग की खेती कौन से महीने में होती है? Mung Ki Kheti Ka Samay

दोस्तो मूंग की खेती किस महीने मेँ की जाए यह आपके एरिया और आपके पास पानी की उपलब्धता पर निर्भर करती है। अगर आपके पास पानी है यां आपके खेत मेँ डिग्गी की वयवस्था है तो आप ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती फरवरी महीने के अंत मेँ भी कर सकते है। 

इसके अलावा ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती का सही समय 15 मार्च से लेकर 15 अप्रेल तक का भी रहता है, काफी जगह पर बारिश के हिसाब से बसंतकालीन मूंग की फसल बोई जाती है तो ऐसी जगह पर बसंतकालीन मूंग की खेती के लिए सही समय मार्च के शुरुआती 10 दिनों को माना जाता है। 

अगर आप खरीफ की मूंग की फसल बोना चाहते है तो इसके लिए 12 – 13 जून से लेकर 6 – 7 जुलाई का समय सबसे उत्तम रहता है। अगर आप मूंग की खेती की बिजाइ इससे ज्यादा लेट करते है तो आगे जब मूंग की खेती मेँ फूल लगना शुरू होते है उस समय गर्मी बढ़ जाती है जिस कारण फूल झड़ने शुरू हो जाएंगे। इससे मूंग की खेती की पैदावार पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है और पैदावार कम भी होती है। 

इसलिए आप मूंग की खेती के लिए समय का विशेष ध्यान रखें ताकि आपकी पैदावार अच्छी हो सके और फसल मेँ आगे ज्यादा गर्मी के कारण पानी की जरूरत ज्यादा न पड़ें। 

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मूंग की खेती के लिए सबसे उपयुक्त जमीन/भूमि –

दोस्तो अगर हम किसी भी फसल को गलत भूमि पर बीजतें है तो हमें भी पता है की फसल अच्छी नहीं होगी तो मूंग की खेती के लिए सबसे उपयुक्त भूमि/जमीन दोमट मिट्टी को माना जाता है। इसके अलावा मूंग की खेती बुलई मिट्टी मेँ भी की जा सकती है यह भी मूंग की खेती के लिए उपयुक्त भूमि है। 

अगर आप मूंग की खेती करने के जिस जमीन का चुनाव कर रहे है उस भूमि से पानी निकालने की व्यवस्था जरूर होनी चाहिए। क्योंकि ज्यादा बारिश होने पर आपको खेत के ज्यादा पानी को बाहर निकाल देना चाहिए ताकि फसल को नुकसान न हो। 

मूंग की खेती के लिए हमारे राजस्थान की भूमि को भी सबसे ज्यादा उत्तम माना जाता है। राजस्थान की जमीन, तापमान और जलवायु तीनों ही मूंग की खेती के अनुकूल है। 

मूंग की सबसे अच्छी वैरायटी कौन सी है?

खेत के अंदर किसी भी फसल की पैदावार मेँ अच्छे बीज का भी बहुत बड़ा योगदान होता है। अच्छे बीज से आप अपनी फसल की 20 से 30 प्रतिशत तक पैदावार आराम से बढ़ा सकते है। मैं आपको यहाँ पर मूंग की खेती के लिए कुछ सबसे बढ़िया उन्न्त क़िस्मों के बारे मेँ बता देता हूँ। 

आर एम जी-62 :

मूंग की खेती के लिए यह सबसे बढ़िया बीजों मेँ शामिल है इस बीज की की पैदावार एक बीघे मेँ 3 से 4 क्विंटल तक होती है। इस बीज की खास बात यह है की इसमें फली छेदन के प्रति बढ़िया प्रतिरोधक क्षमता देखने को मिलती है। इसके अलावा इसमें आपको मूंग की फसल एक साल आएगी। 

आर एम जी-268 :

यह बीज उन क्षेत्र के लिए सबसे बढ़िया माना जाता है जहां पर सूखे की दिक्कत होती है। इसके अलावा इस बीज के अंदर भी अच्छी प्रतिरोधक क्षमता होती है। इसकी फसल मेँ सबसे बढ़िया बात यह होती है की सारी फसल की फलियाँ एक साथ मेँ पकती है। 

पूसा 0672 :

पूसा 0672 भी खरीफ के अंदर मूंग की खेती के लिए सबसे बढ़िया बीज माना जाता है, इसकी भी एक बीघा के अंदर 4 क्विंटल के आस पास पैदावार होती है। इस मूंग के बीज का इस्तेमाल ज़्यादातर उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र के लिए सबसे बढ़िया माना जाता है। इस बीज के पकने मेँ समय लगभग 80 दिन के आस पास लगता है और इसकी फसल का दना मोटा और चमकदर होता है जिस कारण इसके रेट मेँ भी थोड़ा फर्क होता है। 

गंगा-8 : 

अगर आप मूंग की खेती करने मेँ थोड़ा लेट हो गए है तो आपको इस बीज का इस्तेमाल करना चाहिए। इस बीज की सबसे खास बात यह है की इसका इस्तेमाल अगेती और पछेती दोनों प्रकार की बिजाइ मेँ इस्तेमाल किया जाता है। इसकी पैदावार भी एक बीघा मेँ 3 क्विंटल से लेकर 5 क्विंटल तक की पैदावार होती है। त शिरा एवं बैक्टीरियल ब्लाइट का प्रकोप इस बीज के अंदर सबसे कम देखने को मिलेगा। 

जी एम-4 : 

यह भी मोटे दाने की अच्छी पकाई वाली फसल के लिए यह बीज सबसे उत्तम माना जाता है, इसकी पैदावार एक बीघा मेँ 3 क्विंटल से ज्यादा ही निकलती है। 

पूसा 9531 : 

राजस्थान, उत्तर प्रदेश के इलाके मेँ सबसे बढ़िया मूंग का बीज माना जाता है इसकी पैदावार 4 क्विंटल बीघा मेँ हो जाती है साथ ही इसकी फसल बहुत कम समय मेँ पककर तैयार हो जाती है इस बीज की फसल का पकने का टाइम लगभग 50 से लेकर 70 दिन तक का अधिकतम होता है। यह बीज कीटों के प्रति भी अच्छा प्रतिरोधी होती है। 

इसके अलावा भी आपके एरिया के हिसाब से अनेक बढ़िया बीज की जानकारी आपको किसी बीज स्टोर पर मिल सकती है। जरूरी नहीं की ये बीज ही सबसे उत्तम हो कई क्षेत्र मेँ इन बीजों की भी ज्यादा पैदावार नही होती है। अगर आप चाहे तो इसके अलावा भी अपने आस पास के मूंग की खेती करने वाले किसानों से मूंग की बढ़िया किस्म के बीज की जानकारी ले सकते है। 

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एक बीघा मूंग की खेती में कितना बीज डालें

एक बीघा मूंग मेँ कितना बीज डालें यह सवाल बिजाइ के समय हर किसान के मन मेँ आता है की कहीं बीज ज्यादा ना गिर जाएँ यां फिर कम न रह जाए। तो मैं आपको बता दूँ की राजस्थान के एक बीघा के हिसाब से आप एक बीघा मेँ 7 से 8 किलोग्राम मूंग का बीज डाल सकते है। 

इसके अलावा कितना बीज डालना आपके एरिया के हिसाब से अलग अलग हो सकता है क्योंकि कई जगह पर फसल के बीज खराब नहीं होते है। 

मूंग की खेती के लिए जमीन कैसे तैयार करें –

किसान भाइयों मूंग की खेती करने से पहले आपको खेती वाली जमीन को अच्छे तरीके से तैयार करना होगा, तो जानते है जमीन कैसे तैयार करें

  1. जब पिछली रबी की फसल की कटाई हो जाए तो उसके बाद उस खेत को अच्छे तरीके से कल्टीवेटर से बुवाई कर दें और सूके बाद पानी लगाकर कुछ दिन जमीन को पड़ा रहने दें उसके बाद आप उस बुवाई की हुई जमीन को अच्छे तरीके से सुहागा ( पाटा ) लगाकर समतल कर देना है। 
  2. इसके बाद आपने इस समतल की हुई जमीन पर पानी लगाना है और उसके पाँच से 6 दिन बाद जब जमीन बत्तर आ जाए तो आपने उसे एक बार फिर कल्टीवेटर की मदद से जोतना है और सुहागा लगा देना है। अब आपकी जमीन खेती के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो गयी। 

मूंग की खेती कैसे करें? Moong Ki Kheti Karne ki Vidhi

मूंग की अच्छी पैदावार करने के लिए आपको मूँगी की खेती कैसे करें इसके बारे मेँ जानकारी होनी बहुत जरूरी है मैं यहाँ पर आपको मूंग की खेती करने की विधि विस्तार से बताने वाला हूँ।

  1. मूंग की खेती के लिए आपने सबसे पहले जमीन को तैयार करना है उसके बाद आपने बीज को मशीन के अंदर डालना है। 
  2. बीज को मशीन के अंदर डालकर आप मशीन की मदद से अपने खेत के अंदर मूंग की खेती कर दें। 
  3. इसके बाद जहां पर मशीन की मदद से मूंग की बिजाइ नहीं हो पायी है उस जगह पर आप हाथ हालिए की मदद से बीज लगा दें। 
  4. इस प्रकार आप मूंग की बिजाइ कर दें और उसके बाद आपने मूंग की खेती की हुई है उसमें क्यारियाँ बनानी है ताकि आपको पानी लगाने मेँ आसानी हो। 

इस प्रकार आप बड़ी आसानी से मूंग की खेती कर सकते है आपको मूंग की खेती करने के लिए किसी प्रकार की कोई ज्यादा बड़ी तकनीकी की जरूरत नहीं होती है। 

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मूंग की खेती की बारे में विडियो देखें

मूंग में कौन सा खाद डालें? 

दोस्तो आप मूंग की खेती के अंदर अगर जमीन तैयार करने से पहले खाद डालना चाहते है तो डाल सकते है इससे पैदावार मेँ फर्क देखने को मिलेगा। 

इसके अलावा हम सभी जानते है की दलहन फसलों मेँ नाईट्रोजन की जरूरत बाकी फसलों की अपेक्षा कम ही रहती है इसलिए आप मूंग की खेती मेँ 15 से 20 किलोग्राम नाइट्रोजन डाल सकते है। इसके अलावा आप मूंग की फसल मेँ 50 किलो का एक गट्टा फास्फोरस का और यही 15 से 20 किलो के आसपास पोटाश डाल सकते है ताकि पोधोन का विकाश बढ़िया तरीके से हो सके। 

मूंग में कितने पानी देना चाहिए? मूंग में पानी कब दें

मूंग की खेती के लिए ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है अगर बारिश समय पर हो जाए तो परंतु बारिश न होने पर एक पानी आपको ज्यादा लगाना पद सकता है। 

शुरुआत मेँ आपको मूंग की बिजाइ करने के 10 से 10 दिन के बाद एक पानी जरूर देना चाहिए ताकि छोटे बुंटे की वृद्धि मेँ मदद मिल सके और मूंग का पोधा कमजोर न रहे। 

इसके बाद अगल बारिश हो जाए तो कुछ टाइम तक आपको सिंचाई करने की जरूरत नहीं पड़ेगी परंतु बारिश नहीं होती है तो 20 से 25 दिन के बाद एक अच्छी सिंचाई कर देनी है। 

अब आपको उस वक्त का इंतजार करना है जब मूंग पर फल लगाना शुरू होने वाला हो उस समय आपने एक पानी और लगा देना है ताकि अच्छा फाल आ सके। अगर बारिश हो जाए तो सिचाई की आपको जरूरत नहीं होगी। 

आप मूंग की खेती को 2 अच्छी सिंचाई और एक पतली सिंचाई से पैदा कर सकते है समय पर बारिश हो जाने पीआर मूंग की खेती एक से दो पतले पानी मेँ भी हो जाती है। 

इसके अलावा आपने खेत मेँ मूंग की खेती को समय समय पर देखते रहना है अगर गर्मी ज्यादा पड़ती दिखाई दे तो आप खेती को देखकर उसके हिसाब से पानी लगा सकते है। 

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मूंग की खेती में लगाने वाले प्रमुख रोग –

दोस्तो मूंग की खेती मेँ ज्यादा बारिश होने के चलते यां फिर सही मौसम नहीं रहने पर अनेक रोग लगते है हम यहाँ पर आपको मूंग की फसल मेँ लगाने वाले प्रमुख रोगो के बारे मेँ बता देते है। 

पत्ते भूरे हो जाना : 

मूंग की खेती मेँ यह रोग काफी देखने को मिलता है इस रोग के अंदर आपने देखा होगा की मूंग के पत्ते किनारों से भूरे होने शुरू होते है और धीरे धीरे पत्ते लाल हो जाते है। इससे मूंग की फसल मेँ लगाने वाले फूल पर बुरा प्रभाव पड़ता है और ये फूल बिलकुल छोटे छोटे ही जड़ने लग जाते है। इस र्रोग के कारण फसल मेँ अच्छी पैदावार नहीं हो पाती है। 

पत्ते भूरे हो जाने का इलाज – 

जब भी आपको लगे की फसल मेँ पत्ते भूरे होने शुरू हो चुके है आपने काबन्डाजिम 1% अथवा मेन्कोजेब 0.25% की दावा का 10 से 15 दिन के अंतराल मेँ स्प्रे करनी है इससे इस रोग को खत्म किया जा सकता है। इसके अलावा आप अपने आस पास किसी फर्टिलाईजर वाली दुकान से भी अच्छी दवाई की सलाह लेकर छिड़काव कर सकते है। 

मूंग की फसल मेँ पीलापन आने लगना : 

काफी सारे किसान भाइयों की यह समस्या होती है की फल आने से पहले उनकी मूंग की फसल धीरे धीरे पीली होनी शुरू हो जाती है। यह रोंग मूंग की फसल मेँ फेलने वाला विषाणु जनित रोग है जिसमें मूंग की फसल के पत्ते धीरे धीरे पीले होने शुरू होते है और लास्ट मेँ जाकर सारी फसल का रंग ही पीला पड जाता है।

इस ररोग के फेलने का मुकया कारण सफ़ेद मक्खी होती है, इस रोग का सही समय पर इलाज नहीं किया जाए तो मूंग की खेती मेँ फल और फलियाँ दोनों ही बहुत कम मात्रा मेँ लगती है जिस कारण इस रोग का समय पर इलाज करना जरूरी होता है। 

मूंग की फसल में पीलापन कैसे दूर करें?

अगर आपके खेत मेँ मूंग की फसल मेँ इस प्रकार का रोग देखने को मिलता है तो आपको जल्द ही सावधान होने की जरूरत है। आपने इस रोग के उपचार के लिए आक्सीडेमेटान मेथाइल 0.1% या डायमेथोएट 0.3% प्रति बीघा 150 लीटर के आस पास पानी मेँ घोलकर दो से तीन बार छिड़काव कर देना है। इस आक्सीडेमेटान मेथाइल 0.1% या डायमेथोएट 0.3% के छिड़काव से कुछ हद तक इस रोग पर काबू पाया जा सकता है। 

इसके अलावा खेत मेँ उगगी खरपतवार को आपने निकाल देनी है जिससे यह रोग फेलने की संभावना काफी कम रहती है। इस रोग से बचने के लिए आपको अच्छे बीज की शुरुआत मेँ खेती करनी चाहिए काफी सारे बीज इस रोग के प्रति रोधक क्षमता रखते है। 

इस प्रकार अप अपनी मूंग की फसल मेँ पीलापन दूर कर सकते है। यह तरीका काफी कारगर माना जाता है इस रोग से लड़ने के लिए। 

मूँग की खेती मेँ लगने वाले किट और उनका इलाज – 

आपने देखा होगा की मूँगी की फसल मेँ अनेक प्रकार की लट्ट और सूँडी लगती है जो फसल को काफी सारा नुकसान पहुँचाती है हम इन कीटों की पहचान और इलाज कैसे करें इसके बारे मेँ जानते है। 

मूंग मेँ सूँडी लगना : 

मूंग की फसल मेँ रसचूसक सूँडी बहुत ज्यादा लगती है, मूंग के पोधों मेँ इन सूँडी के द्वारा रस चूस लिया जाता है जिससे फसल कमजोर होती चलती है अगर इंका समय पर इलाज न करें तो फसल बिलकुल खराब हो सकती है। 

मूंग में सुंडी की रोकथाम / मूंग में लट की दवा – 

मूंग की फसल मेँ लट से छुटकारा पाने के लिए आपको थायोमेथोक्जम 25 डब्ल्यू जी 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी के अंदर घोलकर मूँगी की फसल मेँ छिड़काव करना चाहिए जिससे फसल मेँ लगे रोगो का इलाज किया जा सके। 

सफ़ेद मक्खी लगना : 

मूँग की फसल मेँ सफ़ेद मक्खी काफी नुकसान पहुँचती है यह फसल के शुरुआत से लेकर जब तक पसल प्पकती है तब तक लगती रहती है। 

सफ़ेद मक्खी का उपचार : 

सफ़ेद मक्खी से अपने मूंग की फसल को बचाने के लिए आपने डायमिथोएट 250 मिलीलीटर प्रति 150 लीटर पानी या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस एल प्रति 150 लीटर पानी में 30 मिलीलीटर मिलाकर प्रति बीघा के हिसाब से छिड़काव कर दें इससे इस रोग से छुटकारा पाया जा सकता है। 

मूंग की फसल में खरपतवार नाशक दवा : 

मूंग की फसल मेँ काफी सारे खरपतवार होता है जिसे हम कुछ समय तक अपने हाथ से निकाल सकते है परंतु उसके बाद दवाई का छिड़काव करना पड़ता है। सबसे बढ़िया खरपतवार नाशक दवा पेन्डीमिथालीन 30 ई सी, 2000 से 250 ग्राम मात्रा प्रति बीघा बुवाई करते ही 3 से 5 दिन के अंतराल मेँ लगातार 2 बार छिदकव कर दें। इससे खरपतवार पर समय पर नियंत्रण पाया जा सकता है। 

मूंग की फसल कब काटकर निकालें 

मूंग की खेती जब सुखकर पत्ते धीरे धीरे गिरने शुरू हो जाए और फलियों के अंदर दना पाक जाए तब आप मूंग की खेती को काट सकते है। इसके बाद आपने 4 से 5 दिन तक मूंग की कटी हुई फसल को अच्छी धूप लगने देना है। इसके बाद आप कम्बाइन यां फिर थ्रेसर की मदद से मूंग की फसल को निकाल सकते है। 

मूंग की खेती आप कम्बाइन से निकालना चाहते है तो थोड़ा ज्यादा ना सिखाये नहीं फसल को निकालते समय दाने झड़ सकते है।

मूंग की खेती का भंडारण कैसे करें – 

दोस्तो अगर आप मूंग की खेती को बेचते है तो आपको अच्छी कीमत मिल सकती है आजकल मूंग का बाजार भाव 7 हजार के आस पास रहते है। इसके अलावा आप मूंग की खेती का भंडारण भी कर सकते है। 

आप मूंग को निकालने के बाद अच्छी तरह धूप मेँ सुखकर उसे किसी कमरे मेँ यां फिर लोहे ही बनी टंकी मेँ डालकर रख सकते है। मेरा खुद का परिवार खेती करता है और मेरे दादाजी और पापजी मूंग की खेती मेँ नीम के पत्ते, माचिस की डिब्बी तथा कपूर की गोलियों को डालकर टंकी मेँ भंडारण करते है। 

इस प्रकार आप भी अपने मूंग की खेती का घर पर भंडारण कर सकते है परंतु आपको इसे समय समय पर चेक जरूर करते रहना चाहिए। 

मूंग की खेती की पैदावार और कमाई

दोस्तो राजस्थान मेँ श्री गंगानगर जिले के अंदर लगभग एक बीघा के अंदर 4 से 5 क्विंटल मूंग अच्छी फसल मेँ निकल जाते है अगर फसल थोड़ी नरम हो तो 3 क्विंटल तक एक बीघा मेँ मूंग की पैदावार होती है। अगर हम 4 क्विंटल बढ़िया फसल मेँ एक बीघा मूंग की ओसत मानकर चलते है तो प्रति क्विंटल 7000 की दर से एक बीघा मेँ लगभग 28000 रुपए की कमाई बनती है। 

यानि एक बीघा खेत मेँ 25 हजार से लेकर 30 हजार की फसल होती है और इस फसल मेँ लगभग एक बीघा का खर्चा 5 से 6 हजार रुपए आता है इस हिसाब से आपको एक बीघा मूंग की फसल मेँ 18 से 20 हजार रुपए की कमाई हो सकती है। 

ध्यान रहे मैं यहाँ आपको मूंग की पैदावार के बारे मेँ बता रहा हूँ वह मेरे खुद के एरिया की है राजस्थान मेँ गंगानगर हनुमानगढ़ की जलवायु और पानी की उपलब्धता बाकी जिलों से अलग है इसलिए जरूरी नहीं की बाकी जगह पर भी तानी पैदावार हो और इतनी ही कमाई हो। मैं खुद किसान हूँ इसलिए मैंने अपने क्षेत्र के हिसाब से बताया है। 

मूंग की खेती करने में आने वाली लागत 

दोस्तो अगर आपकी घर की अपनी जमीन है तो एक बीघा मूंग के अंदर 5 से 6 हजार का खर्च ही आपको आएगा परंतु आपकी जमीन खुदकी नहीं है और आपने ठेके पर जमीन लेकर मूंग की फसल लगाई है तो लागत ज्यादा होगी क्योंकि इसमें जमीन का ठेका भी जुड़ जाता है। 

एक बीघा जमीन का ठेका मेरे जिले के अंदर हमारे यहाँ पर 15 से 20 हजार रुपए प्रति बीघा पूरे साल का है। अगर मूंग की 3 महीने की फसल का समय है तो इसमें 6 से 7 हजार रुपए ठेका जोड़ दिया जाए तो लगभग 10 – 12 हजार की लागत मूंग की खेती मेँ आती है और 25 – 30 हजार की पैदावार होती है। 

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निष्कर्ष – 

दोस्तो मुझे उम्मीद है की आपको मूंग की खेती करने से जुड़ी हमारे द्वारा दी गयी सारी जानकारी आपको पसंद आई होगी। इस आर्टिक्ल में हमने मूंग की खेती करने से लेकर पानी कब लगाएँ, मूंग की खेती के लिए कौनसा बीज सबसे उत्तम रहेगा और आप मूंग की खेती को रोगो से कैसे बचा सकते है इसके बारे में सारी जानकारी दी है। 

अगर आपको लगता है की इस आर्टिक्ल में किसी भी प्रकार की कोई जानकारी रह गयी है तो आप हमें टेलीग्राम चैनल पर मैसेज कर सकते है हम आपके नाम के साथ में इससे जुड़ी जानकारी जोड़ देंगे। अगर आपको किसी भी प्रकार की खेती, बीज तथा कृषि यंत्र से जुड़ी जानकारी चाहिए तो आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते है। 

मैं खुद किसान परिवार से हूँ और मैंने देखा की इंटरनेट पर किसानो की सहायता करने वाली कोई भी हिन्दी वैबसाइट नहीं है इसलिए मैं किसानों की सहायता के लिए इस वैबसाइट पर बहुत रिसर्च करके जानकारी लाता हूँ तो आपका भी एक फर्ज बनता है की आप अपने Social Media जैसे Facebook, WhatsApp पर शेयर करें।

साथ ही आप किसान है और आपको समय समय पर खेती, बीज, किसान योजनाओं और कृषि यंत्र तथा मंडी भाव से जुड़ी जानकारी चाहिए तो आप हमसे हमारे टेलीग्राम चैनल पर जड़ सकते है। यहाँ क्लिक करें और जॉइन करें किसान समाधान टेलीग्राम चैनल जहां आपको सारी  खेती से जुड़ी जानकारी समय समय पर मिलेगी।
kulwant singh bhati
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