किसान भाइयों हरित क्रांति के बाद अन्धा धून्द रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल हमारे खेतो में हो रहा है, आज कल किसानों की सोच में एक ही बात रहती है कि किस तरीके से पोषक तत्व का प्रबंधन करे जब पोषक तत्व की बात आती है तब सीधे सीधे हमारा धियान जैविक उर्वरक की जगह रासायनिक उर्वरक पर धियान जाता है.
जब रासायनिक की बात आती है जब हमारे बाजार में 3 से 4 तरीके की उर्वरक उपलब्ध रहते है जिनमे मुख्यत नाइट्रोजन , फास्फोरस , पोटास है इन पोषक तत्व से हमारे पोधो का सही विकास नही होता और इन रासायनिक के प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषण भी होता है।
इन रासायनों पर अलग से ज्यादा मात्रा में पैसा लगाना पड़ता है ओर जहां पर खाद बनाई जाती है वहा पर ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है और वहाँ पर ऊर्जा की पूर्ति कोयला डीजल जैसे पदार्थ को जलाकर करते हैं।
इससे न सिर्फ हमारी सेहत बल्कि हमारी खेत की मिट्टी को भी काफी हद तक नुकसान पहुचाया है इस नुकसान की फरपाई का एक बेहतरीन विकल्प है जैविक खाद।
हमें आपको जैविक खाद से जुड़ी जानकारी पहले एक आर्टिक्ल के अंदर दी थी अगर आपने जैविक खाद से जुड़ा वह आर्टिक्ल नहीं पढ़ा है तो आप यहाँ जैविक खाद बनाने की विधि क्या है क्लिक करके उस आर्टिक्ल को जरूर पढ़ें।
जैविक खाद भी कई प्रकार से बनाई जाती है जैसे कचरे की खाद , गौबर की खाद , वेस्ट डिकम्पोजर , केचुआ खाद आदी
इन सभी खादों में सबसे अच्छी खाद केचुआ खाद यानी की वर्मी कम्पोस्ट है, वर्मी कम्पोस्ट खाद आप खुद भी तैयार कर सकते हैं ओर लागत भी कम आती है।
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वर्मी कम्पोस्ट क्या है? Vermicompost Kise Kahate Hain
केचुओ द्वारा क्रषि अपशिष्ट को पचाकर उतम किस्म का कम्पोस्ट जिसमे केचुओं के अपशिष्ट मल , उनके कोकून , सभी प्रकार के लाभकारी सूक्ष्म जीव , मुख्य व सूक्ष्म पोषक तत्व मौजूद होते हैं उसे वर्मी कंपोस्ट कहते हैं।
केचुआ खाद के फायदे | Vermicompost Ke Fayde
1. गोबर की खाद में 8 गुणा अधिक एक्टीनो माईसिटीज की मात्रा पाई जाती है इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता आ जाति है
2. खेत मे दीमक कम लगती है या लगती है नही
3. खरप्तवार का प्रकोप कम होता है
4. आक्सिन व साइटोंकाइनींन भी अच्छा होता है आक्सिन व साइटोंकाइनींन में पादप व्रद्धि अधिक ओर रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है
5. उर्वरक क्षमता बढ़ती है
6. रोग कम लगते हैं
7. वर्मी कंपोस्ट खाद के छिड़काव से फसल के उत्पादन में व्रद्धि होती है
8. सरचना सुधार के फलस्वरूप भूमि की जलधारण क्षमता में व्रद्धि होती है
9. केचुआ मरने के बाद भी उनके शरीर से जमीन को सीधा नत्रजन मिलता है
10. खेत मे वर्मी कम्पोस्ट डालने से 10 से 20 % अधिक व्रद्धि होती है
11. मर्दा सरचना में सुधार और वायु सचार बेहतर होता है
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वर्मी कम्पोस्ट की प्रयोग विधि | Vermi Compost ki Prayog Kaise Kare
1. खेत की तैयारी के समय 2.5 से 3 टन प्रति हेक्टेयर छिडकाव करना चाहिए फिर
2. खादान फसलो में 5 से 6 टन प्रति हेक्टेयर छिडकाव करना चाहिए
3. सब्जियो में 10 से 12 टन प्रति हेक्टेयर छिडकाव करना चाहिए
4. फलदार वृक्षों में 5 किलो पर प्लान्ट डालना चाहिए
5. फूल की क्यारी में 1 से 2 किलो मीटर शुकेयर M^2 डालना चाहिए
केचुआ खाद में पोषक तत्व | Kechuaa Khad me Poshak Tatva
केचुआ खाद में सभी पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते है
- नाइट्रोजन 1 से 3% पाया जाता है
- फास्फोरस 1.5 से 2.0 % पाया जाता है
- नेत्रजन 2.5 से 3.5 % होता है
- पोटाश 1.5 से 3 % होता है
- स्फुर 1.50 से 2.2 % होता है
- मैग्नीशियम 0.15 % होता है
- कैल्शियम 0.44 % होता है
इसके अलावा एंजाइम , पोटेसियम, हार्मोन्स वह अन्य पोषक तत्व भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है
केचुए कितने प्रकार के होते हैं
केंचुए 3 प्रकार के होते हैं
1. एपीजिक
2. एण्डोजीक
3. डायोजिक
1. एपीजिक
ये 1 मीटर की गहराई तक जाते हैं
ये 90 प्रतिशत क्रषि अपशिष्ट अधिक खाते हैं
वह मिट्टी कम खाते हैं
वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने के किए सबसे अच्छे होते हैं
2. एण्डोजीक
ये 3 मीटर गहराई तक जाते हैं
ये 90 प्रतिशत मिट्टी खाते हैं
वह क्रषि अपशिष्ट कम खाते हैं
ये खेत मे जल निकास के लिए उपयोगी है
3. डायोजिक
ये 1 से 3 मीटर की गहराई तक जाता है
ये दोनों के बीच के होते हैं
ये 50 प्रतिशत मिट्टी और 50 प्रतिशत क्रषि अपशिष्ट खाते हैं
केचुआ की विश्व मे 3000 से भी ज्यादा किस्मे है जिसमे से भारत मे 500 से ज्यादा किस्मे पाई जाती है
जिसमे से एपीजिक की 3 किस्म ज्यादा चर्चा में है
1. पेरेंनिप्स आर्वोशिकोली
2. फेरेटिमा इलोगेटा
3. आइसिनिया फोरटिंडा
जिनमे से आइसिनिया फोरटिंडा राजस्थान के लिए सबसे अच्छा है इसकी लम्बाई 3 से 4 इंच और इसका बजन 0.5 से 1 ग्राम होता है तथा इसका रंग लाल होता है।
90 पर्तिशत कार्बनिक पदार्थ खाता है वह 10 पर्तिशत मिट्टी खाता है यह 1 महीने में या/ 4 सप्ताह में प्रजनन योग्य हो जाता है। 1 केचुआ 2 से 3 कोकून प्रति सप्ताह देता है 1 कोकून में 3 से 4 अंडे होते हैं।
वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए सामग्री
वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार करने के लिए आपको रेडीमेड बेड या ईंटो बेड बनाने के लिए आवश्यक सामग्री लेनी होगी
इसके अलावा गोबर , कचरा, पानी, केचुआ, खाद की पलटाई के लिए पंजा , फसल अवशेष आदि सामग्री की आवश्यकता होती है
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केंचुआ खाद का बिजनेस करने के लिए बेड तैयार किया जाता है जिसमे छोटी छोटी केयारिया बनाई जाती है जिसको एक दूसरे से मिलाने के लिए सुराख रख लेते हैं जिसके माध्यम से केचुए एक क्यारी से दूसरी क्यारियो में चले जाते हैं
अगर आप अपने खेत के लिए खाद तैयार करना चाहते हो या छोटे पैमाने पर खाद तैयार करना चाहते हो तो इसके लिए क्यारी बना ले जिसकी लम्बाई 40 से 50 फिट रखनी चाहिए और चोड़ाई 3 से 4 फिर ओर उचाई 1.50 / डेड फिट रखनी चाहिए
1. सबसे पहले क्यारी में जीवांश पदार्थ / कचरा 3 इंच तक भर दे ओर थोडा पानी का छिड़काव कर दे
2. फिर 2 इंच तक गोबर भर दे ओर पानी का छिड़काव कर दे
3. फिर इसमे केचुए डाल देते हैं और फिर वापिस गोबर डाल देंगे
4. इसी क्रम में इसे डेड फिट तक भर दे
5. उसके बाद इसे घास भुस से ढक देगे
6. समय समय पर पानी का छिड़काव करते रहेंगे
7. 60 दिन में वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार हो जाएगी
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केचुआ खाद बनाते समय धियान रखने योग्य बाते
केचुआ खाद बनाने के लिए कुछ बातों का धियान रखना चाहिए जिससे कि केचुओं को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान ना हो ओर इसकी प्रजनन क्षमता भी बढ़े
- केचुआ खाद बनाने के लिए 1 टन पदार्थ में 1000 केचुओं की जरूरत पड़ती है
- केचुआ खाद बनाने के लिये अच्छे किस्म के केचुओं का चुनाव करे जिससे खाद अच्छी गुणवत्ता वाली तथा जल्दी से खाद तैयार होगी
- केचुआ खाद बनाने के लिए ताजे गोबर का प्रयोग नही करना चाहिए 5 से 7 दिन पुराना गोबर का प्रयोग ही प्रयोग करना चाहिए साथ ही धियान रखे कि जब भी गोबर बेड के अंदर डाले तो वह अंदर से गर्म ना हो इसे पहले बिखेर कर ठंडा कर ले उसके बाद ही बेड में डाले।
- केचुआ खाद बनाने के लिए 30% नमी होनी चाहिए
- वह 25 से 30 ℃ तापमान की आवश्यकता पड़ती है
- इसके लिए बेड या क्यारी के ऊपर चाननी लगा ले जिससे तापमान कंट्रोल किया जा सके या किसी छाया दार स्थान का चुनाव करना चाहिए
- गोबर को ऊपर से किसी पराली या बोरी से ढक कर रखना चाहिए जिससे इसमे नमी बनी रहे
- नेवला या कुछ पक्षी केचुओं को चुगकर मार देते है जिस कारण वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने की गती धीमी पड़ जाती है इनसे बनाने के लिए पराली या बोरी से ढक कर रखना चाहिए
- केचुओं को अँधेरा पसन्द है ऊपर से ढकने के बाद अंदर अँधेरा भी हो जाता है
- बेड या क्यारी के नीचे एक सुराख रख लेना चाहिए और उसका कनेक्शन एक मटके या बाटली से कर देना चाहिए
- अगर गोबर में पानी का छिड़काव ज्यादा हो जाये तो अधिकतम पानी उस सुराख की सहायता से मटके में आ जाये जिससे केचुओं का नुकसान होने से बच जाए गे
- जो पानी सुराख की सहायता से मटके में आया है उसको खेत मे पानी के साथ बहा दे यह पानी फसल के लिये बहुत लाभदायक है
- सर्दी के मौसम में पानी की मात्रा इतनी ही ढाले की खाद में नमी बनी रहे। केचुआ खाद में 50 से 60 % नमी होनी चाहिए
- केचुआ खाद में सब्जियों का पक्का हुआ खाना ना डाले
- नमक या चीनी युक्त पदार्थ ना डाले
- ऐसे पौधे जिसमे खुशबू आती है जैसे नीबू के पोधो की पतिया से केचुआ खाद ना बनाए गेंदा का अवशेष भी ना डाले
- समय समय पर पलटाई करते रहना चाहिए अगर इसकी पलटाई नही करेंगे तो धीरे धीरे हवा का सचार रुक जाता है हवा का सचार नही होने के कारण केचुए की गती धीमी पड़ जाती है केचुए की गती बढ़ाने के लिए समय समय पर पलटाई करनी आवश्यकता है
वर्मी कम्पोस्ट तैयार होने के बाद कि प्रक्रिया
- वर्मी कम्पोस्ट तैयार होने के बाद चाय की पती जैसा हो जाता है
- जब 60 से 70 दिन में खाद तैयार हो जाती है तो इस पर पानी का छिड़काव बन्द कर देना है जिससे केचुए नीचे नमी में चले जाते हैं
- नीचे केचुए जाने के बाद ऊपर से वर्मी कम्पोस्ट इकठा कर देंगे
- वर्मी कम्पोस्ट को हाथ से इकठा करना है वह इसकी छोटी छोटी ठेरी बना लेंगे
- उसके बाद आप इसे बेड या क्यारी से बाहर निकल सकते हो
- वह इसे अपने खेत मे डाल सकते हो
वर्मी कम्पोस्ट का बिजनेस | Vermicompost Ka Business
वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार होने के बाद बाहर निकाल लेंगे
उसके बाद इसे किसी बड़ी जार या छलनी से छान लेगें
इसके बाद अपशिष्ट पदार्थ में कुछ केचुए वह खाद की गांठ निकलेगी
छानने के बाद जो अपशिष्ट पदार्थ बचते हैं उन्हें दुबारा तैयार होने के लिए डाल दे या अपने खेत मे डाल लें
जो अच्छी खाद है उसे आप बाजार में बेचने के लिए पैक कर सकते हो
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वर्मी कम्पोस्ट खाद कहा से खरीदे | Vermicompost Khad Kha se Kharide
वर्मी कम्पोस्ट खाद की आजकल बाजार में बहुत ज्यादा माग हो गई है इस कारण आप को ये खाद आसानी से मिल जाएगी आप इस खाद को खरीदने के लिए आपने आस पास कोई वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने वाला है तो वहां से आपको आसानी से अच्छी खाद मिल जायेगी ।
इसके अलावा आपके पास कोई किसान जैविक खेती कर रहा है तो आप उससे सम्पर्क करके खाद मंगवा सकते हो। इसके अलावा आप इसे flipkart , amezan से ऑनलाईन भी मंगवा सकते हैं।
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वर्मी कम्पोस्ट खाद को कैसे बेचे | Vermicompost ka Business Kaise Shuru Karen
किसान भाइयों आज कल जैविक खेती पर अत्यधिक जोर दिया जा रहा है जैविक खेती की बढ़वार के लिए सरकार अलग अलग तरीके के योगदान दे रही हैं जिस कारण जैविक खेती दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जैविक खेती के लिए कम्पोस्ट खाद की आवश्यकता होती है तो यह बाजार में बहुत से भाई बेच रहे हैं क्यो की जैविक खाद को बेचकर अच्छा बिजनेस शुरू किया जा सकता है
इस कारण कुछ लोगो के द्वारा अच्छी गुणवत्ता वाली खाद नही बेची जा रही है क्यो की अधिक गुणवत्ता वाली खाद में समय अधिक लगता है और अपने बेजन्स को चलाने के लिए नकली खाद बाजार में बेची जा रही है
इस कारण अब नये नियमो कानून के तहत कोई भी बिना लाइसेंस के जैविक खाद बाजार में नही बेच सकता ( वर्मी कंपोस्ट यां केचुआ खाद बनाने की विधि )
इस खाद से बचने के लिए किसान भाइयो को लाइसेंस की आवश्यकता पड़ती है
इसलिए क्रषि अधिकारी कार्यालय से विधिवत लाइसेंस लेना होगा जो कि कुछ प्रकिया के बाद ही लाइसेंस उपलब्ध हो पाएगा
उसके बाद क्रषि अधिकारी समय समय पर निरीक्षण करने के लिए भी आएगे क्यो की ये चेक करेगे की अच्छी गुणवत्ता वाली खाद तैयार सही तरीके के की जा रही ह क्या ओर कितने टन खाद तैयार हो रही है उस हिसाब से ही बाजार में खाद बेच सकते हैं ( वर्मी कंपोस्ट यां केचुआ खाद बनाने की विधि )
केचुआ खाद पर सब्सिडी
रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से भूमि की गुणवत्ता दिन प्रतिदिन कम होती जा रही हैं वह बीमारिया भी बहुत लगती है इससे बचने के लिए जैविक खाद को बढ़ोतरी दे रही है
ओर किसान कम खर्च में खाद तैयार कर सकें इसलिए सरकार द्वारा केचुआ खाद को बढ़ाने के लिए सब्सिडी भी दी जा रही है
वर्मी कंपोस्ट यां केचुआ खाद बनाने की विधि
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केचुओं की कुछ महत्वपूर्ण जानकारी
◆ केचुआ 4 से 5 सप्ताह में प्रजनन योग्य हो जाता है
◆ केचुआ अपने वजन का 5 गुणा कचरा खाता है वह 10 पर्तिशत पोषक तत्व ही अपने शरीर मे ग्रहण कर पाती है बाकी 90 पर्तिशत मल द्वारा बाहर निकाल देता है जिसे हम वर्मी कम्पोस्ट कहते हैं
◆ केचुआ द्विलिंगी होता है परन्तु 2 केचुआ के स्पर्श बिना प्रजनन नही हो पाता क्यो की नर तथा मादा दूर दूर होते हैं
◆ केचुआ दोनों तरफ से नुकीला होता है जिस कारण भूमि में जाना ओर दूसरे मार्ग से बाहर आना बहुत आसान हो जाता है
कुछ महत्वपूर्ण प्रशन
1. केचुआ खाद किसे कहते हैं
केचुआ को व्यर्थ कार्बनिक पदार्थ गोबर खिलाकर पैदा किये गए वर्मी कम्पोस्ट ओर केचुओं के मृत अवशेष सुक्ष्म जीवो आदि के मिश्रण को केचुआ खाद कहते हैं
2. ससार का सबसे बड़ा केचुआ आस्ट्रेलिया का है जिसकी लम्बाई 12 फिट मोटाई 10 इच है
3. वर्मी कल्चर क्या है
केचुओं का प्रजनन वह रख रखाव की तकनीकी को वर्मी कल्चर कहते हैं
4. वर्मी कंजर्वेशन क्या है
केचुओं को वर्मी कम्पोस्ट से अलग करना ही कंजर्वेशन है
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वर्मी कंपोस्ट यां केचुआ खाद बनाने की विधि