होली क्यो मनाई जाती है, होली की कहानी क्या है

होली क्यो मनाई जाती है, होली की कहानी क्या है

दोस्तो आपका हमारे ब्लॉग में स्वागत है दोस्तो आज हम आपको इस आर्टिकल में बतायेगे की होली क्यो मनाई जाती है होली की कहानी क्या है दोस्तो भारत ने सभी लोग होली को बड़े धूम धाम से बनाते है लेकिन सभी लोगो को इसके बनाने का कारण नही पता कि यह त्योहार क्यो बनाया जाता है दोस्तो अगर आपको भी यह मालूम नही की यह त्योहार क्यो बनाया जाता है तो आप हमारे आर्टिक्ल को जरूर पढ़ें इस आर्टिकल में आपको होली बनाने के कारण वह उसकी पूरी कहानी बतायगे

हिंदू धर्म में सभी त्योहार अपने स्थान पर धार्मिक महत्व रखते हैं। आज हम बात कर रहे हैं होली की। होली (Holi) का त्योहार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है

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होली क्या है

होली का नाम सुनते ही मन में खुशी और उल्लास की भावना उत्पन्न होती है। बच्चों से लेकर बूढों तक बड़ी धूमधाम से इस त्योहार को मनाते हैं
होली एक हिंदू वसंत त्योहार है, जो भारतीय उपमहाद्वीप से उत्पन्न होता है। होली त्यौहार को मुख्य रूप से भारत और नेपाल में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है
भारत में सभी लोग (हिंदू, मुस्लिम, सीख, ईसाई) मिलकर बिना किसी जाति स्तर के भेदभाव के इस त्योहार को मनाते हैं और एक दूसरे को रंग लगाकर स्नेह शेयर करते है

हमारे देश में जितने भी त्यौहार मनाए जाते हैं। उन सब के पीछे कोई ना कोई वजह (सच्ची घटनाएं) छिपी होती है। तो आइए जानते हैं होली को मनाने के पीछे कारण क्या है

होली क्यो मनाई जाती है

हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार होलिका दहन अर्थात होली त्यौहार मनाने की कथा पुरानी कथाओं से जुड़ी हुई है। सतयुग में हिरण्यकश्यप नामक एक राजा थे। उसने सालों तक भगवान की प्रार्थना की। जिससे उसे अमर रहने का वरदान मिला।
उसे इंसान या कोई जानवर नहीं मार सकता था, ना ही किसी अस्त्र-शस्त्र से उसकी मृत्यु हो सकती थी, उसे ना घर के अंदर ना घर के बाहर, ना ही दिन में और ना ही रात को ना ही धरती पर ना ही आकाश में कही नही मार सकते ऐसा वरदान माग लिया

इस वरदान से हिरण्याक्ष को हकार हो गया था उन्होंने खुद को इतना शक्तिशाली बना लिया था कि खुद को भगवान समझने लगे थे। पूरे राज्य में खुद को भगवान कहने का अधिकार जमाते थे।


प्रजा के ऐसा ना करने पर उन पर अत्याचार करता था और खुद को ही उनका भगवान बताता था। दरअसल, हिरण्यकश्यप अपने भाई की मौत का बदला लेना चाहता था, जिसे भगवन विष्णु जी ने मारा था। हिरण्यकश्यप के एक पुत्र था जिसका नाम प्रहलाद था जो कि भगवान विष्णु जी का परंभगत था
हिरण्यकश्यप के कहने पर भी प्रहलाद ने भगवान विष्णु जी की भगती नही छोड़ी।
उसके बेटे को छोड़कर बाकी सभी लोग डर की वजह से उसकी पूजा करते थे। उसने बेटे को मनाने के बहुत प्रयास किए लेकिन वह हर बार असफल रह जाते

विष्णु भक्त प्रहलाद को मारने के लिए हिरण्यकश्यप अपनी बहन होलिका की मदद ली। होलिका को भगवान से वरदान में एक वस्त्र (शौल) मिली हुई थी जिसे पहन कर वो आग में नही जल सकती। राजा को लगता था कि होलीका प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाएगी। चूँकि होलिका आग में जल नहीं सकती थी, इसलिए होलिका बाहर आ जाएगी और उसका पुत्र आग में जल जाएगा

षडयंत्र के अनुसार, जब होलीका प्रहलाद को गोद में लेकर आज में बैठी तो प्रहलाद हाथ जोड़कर भगवान का जप करने लगा। भगवान ने उसकी प्रार्थना सुनी और तेज हवा चलाई जिससे होलिका के शरीर से वह कमल उड़ गया वह होलिका जल गई

लेकिन प्रहलाद के शरीर पर एक खरोच भी नही आई
इसी मान्यता को लेकर आज भी होली का त्यौहार मनाया जाता है। होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की विजय को साबित करता है। अधर्म पर धर्म की विजय करता है। नकारात्मक भावनाओं को सकारात्मक प्रभाव में ढालने की कोशिश करता है। अनेक विशेषताओं के साथ होली का त्यौहार मनाया जाता है। इसे रंगों का त्योहार भी कहा जाता है।

होली दहन क्यों किया जाता है | Holi Dahan kyon Kiya Jata Hai

होली दहन करने का मुख्य उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की विजय साबित करना है। अधर्म पर धर्म की विजय साबित करना है। हिंदू ग्रंथों के अनुसार जो भी त्योहार आज मनाए जा रहे हैं। उन सभी त्योहारों का अपने-अपने स्थान पर तथा समय अनुसार विशेष महत्व है। होलिका दहन फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।

होलिका दहन को लेकर पौराणिक कथाओं में हिरण्यकश्यप नामक राजा की बहन होलिका थी। जिसे ब्रह्मा जी से वरदान था कि उसका शरीर कभी भी आग नहीं जलेगा। चाहे वह अग्नि में क्यों ना बैठ जाए। उसके पास ऐसे दिव्य वस्त्र वरदान में प्राप्त था। इधर भक्त पहलाद भगवान विष्णु के परम भक्त थे और हिरण्यकश्यप के पुत्र थे।

हिरण्यकश्यप को भक्त प्रहलाद द्वारा भगवान विष्णु को भेजना अच्छा नहीं लगता था। उन्होंने अपनी बहन को कहकर उन्हें जलाने की कोशिश की। परंतु भक्त पहलाद को भगवान विष्णु ने बचा लिया। होलिका को उसे प्राप्त वरदान का दुरुपयोग करने की सजा मिली। वह स्वयं जल गई और भक्त प्रहलाद बच गए।

होली में रखे सावधानी

होली रंग का त्यौहार है पर सावधानी से मनाया जाना जरुरी है. आजकल रंग में मिलावट होने के कारण कई नुकसान का सामना करना पड़ता है इसलिए गुलाल से होली मानना ही सही होता है.
साथ ही भांग में भी अन्य नशीले पदार्थो का मिलना भी आम है इसलिए इस तरह की चीजों से बचना बहुत जरुरी है.


गलत रंग के उपयोग से आँखों की बीमारी होने का खतरा भी बड़ रहा है.इसलिए रसायन मिश्रित वाले रंग के प्रयोग से बचे.
घर से बाहर बनी कोई भी वस्तु खाने से पहले सोचें मिलावट का खतरा त्यौहार में और अधिक बड़ जाता है.
सावधानी से एक दुसरे को रंग लगाये, अगर कोई ना चाहे तो जबरजस्ती ना करे. होली जैसे त्योहारों पर लड़ाई झगड़ा भी बड़ने लगा है

होली के बाद धूलंडी क्यों मनाई जाती है

होली दहन के अगले दिन धूलंडी (Dhulandi) का त्यौहार मनाया जाता है। धूलंडी के दिन लोग आपस में एक दूसरे को रंग लगाते हैं। रंगों के त्यौहार को आनंद के साथ मनाते हैं। दरअसल धूलंडी मनाने के पीछे कुछ पुराने दंत कथाएं तथा मतभेदों से जुड़ी कुछ कथाएं हैं। कहा जाता है, द्वापर युग में भगवान विष्णु ने धुलीवंदन किया था।

अर्थात धूल को आपस में प्रेम पूर्वक लगाने की प्रथा शुरू की थी। जिसे आज लोगों ने अलग-अलग रंगों के रूप में लगाना शुरू कर दिया। इसी प्रथा को होली के अगले दिन धूलंडी के रूप में मनाया जाता है। प्राचीन काल में धूलंडी मनाने का एकमात्र तरीका हुआ करता था, चिकनी तथा मुल्तानी मिट्टी को पूरे शरीर पर मला जाता था।

जिससे शरीर की स्वच्छता बरकरार रहती थी।खुशबूदार मिट्टी का उपयोग किया जाता था। आज के समय में चिकनी और मुल्तानी मिट्टी की कमी होने की वजह से धीरे-धीरे लोग अलग-अलग रंग बिरंगे रंगों से धूलंडी त्यौहार को सेलिब्रेट करते हैं। होली क्यो मनाई जाती है, होली की कहानी क्या है

निष्कर्ष

दोस्तो आज हमने आपको इस आर्टिकल में बताया कि होली क्यो मनाई जाती है होली की कहानी क्या है इसके बारे में आपको बताया इसके अलावा हमने आपको बताया कि धुलंडी का त्योहार क्यो बनाया जाता है इस तरह की सभी जानकारी आपको इस आर्टिकल में बताई गई है होली क्यो मनाई जाती है, होली की कहानी क्या है

अगर आपको फिर भी कोई जनाकारी अधूरी लग रही है या आपको कुछ अन्य होली से जुड़ी जनाकारी लेनी है तो आप हमें कॉमेंट कर सकते हो। हम आपके द्वारा बताये गई जानकारी को पूरा करेंगे।होली क्यो मनाई जाती है, होली की कहानी क्या है

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दोस्तो इसके अलावा अगर आपको कोई अन्य जानकारी लेनी है तो भी आप हमें कॉमेंट कर सकते हो हम आपके द्वारा बताई गई जा जानकारी जरूर देगे। दोस्तो आपको हमारा आर्टिकप कैसे लगा आप हमें कॉमेंट करके जरूर बताये जिससे हमें खुशी होगी और हम आपके लिए अधिक से अधिक आर्टिक्ल लेकर आयेगे धन्यवाद।

kulwant singh bhati
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