टमाटर की खेती से करोड़पति कैसे बने | टमाटर की खेती कैसे करें

दोस्तो, आजकल खेती के अंदर लागत बढ़ती जा रही है और आमदन कम हो रही है परंतु वहीं पर सब्जियों के अंदर आज खेती से ज्यादा अंदर खेती से ज्यादा आमदन हो रही है। आजकल टमाटर की डिमांड ज्यादा होने के कारण और वर्षभर हर मौसम में इसकी फसल होने के कारण यह खेती काफी ज्यादा डिमांड में है।

अगर आप भी टमाटर की खेती करने की सोच रहे है तो यह आपके लिए सबसे बढ़िया फसल हो सकती है। टमाटर की खेती से किसान भाई मोटा मुनाफा कमा सकते है परंतु किसान भाइयों को टमाटर की खेती कैसे करें और कब करें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है।

तो आज के इस आर्टिक्ल के अंदर हम आपके सारे सवाल जैसे टमाटर की खेती कब करें, टमाटर की खेती कैसे करें, टमाटर की खेती करोड़पति कैसे बने के जवाब इस आर्टिक्ल में देने वाले है।

 

टमाटर की खेती से करोड़पति कैसे बने

 

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Table of Contents

टमाटर की सबसे अच्छी किस्म | Tamatar ki Sabse Achi Variety

दोस्तो खेती की पैदावार और उसकी क्वालिटी दोनों ही उसके बीज पर बहुत ज्यादा निर्भर करती है। अगर आप टमाटर की खेती करते है तो इसके अंदर भी आपके बीज की क्वालिटी का बहुत बड़ा योगदान होगा। इसके लिए आपको अच्छी किस्म के बीज खरीदकर खेती करनी चाहिए। मैं यहाँ पर आपके साथ में कुछ टमाटर की खेती करने के लिए बढ़िया किस्म के बीज के बारे में बता रहा हूँ।

अर्का रक्षक –

भारत के अंदर टमाटर की खेती के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले बीज में सबसे टॉप पर अर्का रक्षक का नाम शामिल है। इस बीज की पैदावार सबसे ज्यादा निकलती है वहीं इस बीज की पहली पसंद होना इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता है।

इस बीज का इस्तेमाल काफी सारे किसान करते है और इसके टमाटर की क्वालिटी सबसे बढ़िया होती है जिस कारण बाजार में इस क्वालिटी के टमाटर की मांग ज्यादा रहती है जिससे किसान भाइयों की पहली पसंद अर्का रक्षक बीज बन चुका है।

पूसा शीतल –

पूसा शीतल भी टमाटर की अच्छी ऊटपादन क्षमता वाली बीज की लिस्ट में शामिल है यह एक देशी किस्म का बीज है।

पूसा सदाबहार –

टमाटर की ज्यादा पैदावार देने वाले बीजो में इसका नाम भी शामिल है। इस बीज की फसल की पैदावार लगभग 300 क्विंटल से लेकर 450 क्विंटल तक की पैदावार होती है।

अर्का विकास –

देशी बीजों में अच्छा उत्पादन देने वाले टमाटर के बीज में अर्का विकास बीज का नाम भी शामिल है। इस बीज से भी अगर किसान भाई खेती करते है तो उन्हे अच्छी फसल की पैदावार मिलेगी।

पूसा हाइब्रिड-1 –

टमाटर की हाइब्रिड किस्म के बीजों में इसका इस्तेमाल भी बहुत सारे किसानो के द्वारा किया जाता है यह भी एक उत्तम किस्म की पैदावार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला बीज है।

रश्मि –

सबसे बढ़िया टमाटर के हाईब्रेड बीजों में रश्मि बीज का नाम भी शामिल है। काफी सारे किसानों की यह बीज पहली पसंद है।

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टमाटर की खेती कैसे करें | Tamatar ki Kheti Kaise Karen

दोस्तो टमाटर की खेती करने के लिए आपको जमीन तैयार करने का सही तरीका, पनि किस समय लगाए इसके बारे में सारी जानकारी जरूर होनी चाहिए। हम आपको टमाटर की खेती कैसे करें और कब करें इसके बारे में सारी जानकारी देने वाले है।

टमाटर की खेती के लिए जलवायु एवं तापमान | Tamatar ki Kheti ke Liye Jalvayu

दोस्तो टमाटर की खेती के लिए उत्तम जलवायु का होना बहुत जरूरी है। टमाटर की खेती गर्मी और सर्दी दोनों ही मौसम में की जाती है। टमाटर की खेती आप बहुत कम क्षेत्र में करने की सोच रहे है तो इसके लिए तापमान 20 डिग्री से लेकर 25 डिग्री के बीच में सबसे बढ़िया माना जाता है।

परंतु अगर आप टमाटर की खेती व्यापारिक स्तर पर करने की सोच रहे है तो आपको 18 डिग्री से लेकर 28 डिग्री तक तापमान में खेती करनी सही रहती है। वैसे तो टमाटर की खेती गर्मी को बहुत अच्छे ढंग से सहन कर लेती है परंतु अगर आप गर्मी में एकदम से पानी लगा देते है तो टमाटर के फल फटने शुरू हो जाते है।

उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों की मृदु जलवायु अंकुरण, पादप वृद्धि, फल के निर्माण, फलों के विकास और पकने के लिए उचित माना गया है। टमाटर की खेती की अच्छी पैदावार लेनी है तो आपको अच्छी धूप वाले क्षेत्र में टमाटर की खेती करनी चाहिए।

टमाटर की खेती का सही समय | Tamatar Ki Kheti Ka Samay 

दोस्तो अगर आप खेती सही समय पर करते है तभी अच्छी पैदावार मिलती है। इसलिए आपको हम टमाटर की खेती करने के सही समय से जुड़ी जानकारी दे देते है। परंतु आप किस एरिया में खेती कर रहे है उस हिसाब से आपको अपने आस पास के किसानों से जरूर इसके बारे में पुछनी चाहिए।

टमाटर की खेती का उत्तरी मैदानी भाग में शरद और वसंत ऋतु के अंदर की जाती है। वही दक्षिणी भारत के अंदर टमाटर की खेती का सही समय जून – जुलाई, अक्टूबर – नवंबर और जनवरी – फरवरी में होती है। अगर आप पंजाब के किसान है और पंजाब में खेती करना चाहते है तो आपको बसंत से ग्रीष्म ऋतु मौसम पंजाब में टमाटर की खेती के लिए उत्तम समय है।

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टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त भूमि –

भारत के अंदर आप टमाटर की खेती अनेक प्रकार की मिट्टी में कर सकते है इसके लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त भूमि रेतीली डोममत मिट्टी होती है क्योंकि इसके अंदर प्रचुर मात्र में टमाटर की खेती को पोशाक तत्व मिलते है। इसके अलावा टमाटर की खेती के लिए चिकनी, काली और लाल मिट्टी वाली भूमि भी अच्छी भूमि मानी जाती है।

अगर आपके पास दोमट रेतीली मिट्टी वाली जमीन है तो आपको उसी भूमि के अंदर टमाटर की कहती करनी चाहिए। इस प्रकार की भूमि में टमाटर की खेती की पैदावार बहुत ज्यादा होती है और आपको अच्छा मुनाफा मिलता है।

कपासीय मृदा में भी टमाटर की खेती की जा सकती है। काफी सारे किसान भाई कपासीय भूमि में टमाटर की खेती करके अच्छी पैदावार ले रहे है। इसके अलावा टमाटर की खेती के लिए आप जिस जमीन को चुन रहे है और उसका पीएच मान 6 – 7 के बीच में है तो उससे उपयुक्त टमाटर की खेती के लिए कोई भूमि नहीं होगी।

इसके अलावा आपने टमाटर की खेती के लिए जमीन का चुनाव करते समय इस बात का ध्यान सबसे ज्यादा रखना है की आप पिछले साल जिस भूमि पर टमाटर की खेती की थी उस भूमि पर टमाटर की खेती न करें। आपको फसल चक्र अपनाना चाहिए जिससे जमीन का उपजाऊपन बना रहे। एक ह जमीन पर ज्यादा बार एक ही फसल बोने से भूमि की उर्वरक क्षमता घाट जाती है। 

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टमाटर की खेती के लिए भूमि कैसे तैयार करें

दोस्तो टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त भूमि का चुनाव करने के बाद उस भूमि को अच्छे से खेती के लिए तैयार करना सबसे ज्यादा जरूरी काम होता है।

  1. सबसे पहले आपने उस भूमि के अंदर तोता हल की मदद से अच्छी तरह से जुताई कर देनी है और उसे पाटा की मदद से बिलकुल समतल कर देना है और क्यारिय बना देनी है।
  2. इसके कुछ दिन बाद इस भूमि पर आपने पतला पतला पानी लगा देना है और बत्तर आने पर उस जमीन की कल्टीवेटर हल की मदद से फिर जुताई कर देनी है।
  3. अब इस जमीन पर आप एक बार फिर से पाटा लगाकर जमीन को अच्छे तरीके से समतल कर देनी है। इससे मिट्टी समतल और भूरभूरी हो जाएगी।
  4. इसके बाद आप टमाटर के पोधों की रुपई के लिए इस तैयार की हुई भूमि का इस्तेमाल कर लेना है।

टमाटर की खेती के लिए बीज की मात्र –

अगर आप टमाटर की खेती करना चाहते है तो आपको बीज न ही कम मात्र में डालना है और न ही ज्यादा मात्र में डालना है। अगर आप हाईब्रीड क़िस्मों के बीज का इस्तेमाल करते है तो आप 200 से 250 ग्राम बीज एक हेक्टेयर में डाल सकते है।

वहीं अन्य देशी क़िस्मों के बीज की बात की जाए तो आप एक हेक्टेयर में 350 से 400 ग्राम बीज एक हेक्टेयर में इस्तेमाल कर सकते है।

टमाटर की नर्सरी कैसे तैयार करें –

दोस्तो हमें टमाटर की खेती करने से पहले उसके पोधों की एक नर्सरी तैयार करनी होती है। इसके अंदर हम बीज लगाकर नर्सरी तैयार करते है और 25 से 30 दिन बाद उसे अपने खेत में लगते है तो चलिये दोस्तो जानते है हम टमाटर की नर्सरी कैसे तैयार कर सकते है।

  1. दोस्तो इसके लिए आपको सबसे पहले लगभग 1 मीटर की चोड़ाई में और लगभग 15 से 20 सेंटीमीटर की ऊंचाई में छोटी छोटी क्यारियों को बनाना है।
  2. इसके बाद आपने इन क्यारियों में गोबर की खाद यां जैविक खाद डाल देनी है। आप जैविक खाद घर पर बनाने के लिए इस वर्मी कंपोस्ट यां केचुआ खाद बनाने की विधि आर्टिक्ल को पढ़ें।
  3. इसके बाद आप 15 दिन के बाद इन क्यारियों में 100 ग्राम यूरिया, 100 ग्राम डीएपी उर्वरक और 70 ग्राम म्यूरेट आफ पोटाश प्रति वर्ग मीटर की दर से मिट्टी में अच्छी प्रकार मिलाऐं।
  4. इसके बाद आपने उस बीज को थायराम की मदद से उपचरित करके उसे जो खाद डालकर क्यारियाँ बनाई गयी थी उनमें 1 से 2 सेंटीमीटर की गहराई के अंदर और 5 से 8 सेंटीमीटर की दूरी पर बीज को लगा दें।
  5. इसके बाद आप इन बीजों को पहले से गेरी गयी खाद की मदद से आप इन बीजों को अच्छे तरीके से ढक दें।
  6. इसके बाद आपने इन पर समय समय पर हल्के फुवारे की मदद से थोड़ी थोड़ी सिंचाई करते रहना है। अगर आपको लगता है की सर्दी ज्यादा पड़ रही है यां फिर वरिष हो सकती है तो आप इन बीजों को पोलिथीन की मदद से ढक दें।
  7. इसके बाद आप इन पोधों को अच्छे से तैयार करने के लिए 10 से 12 दिन बाद थायरम या कैप्टान की दो से 3 ग्राम की मात्रा लीटर पानी के अंदर मिलकर छिड़काव करते रहें।
इस प्रकार आप अपने खेत में टमाटर के पौधों की रोपाई करने से पहले अपनी नर्सरी तैयार कर लें। उसके बाद नर्सरी में तैयार किए हुए पौधे आप सीधे खेत में लगा सकते है। 

टमाटर की नर्सरी कितने दिन में तैयार हो जाती है?

दोस्तो टमाटर की खेती के लिए नर्सरी में हमें पोधे तैयार करने होते है। टमाटर के बीज लगाने के बाद टमाटर की नर्सरी तैयार होने में लगभग 25 से 30 दिन का समय आराम से लग जाता है। यह समय 5 से 7 दिन ज्यादा भी हो सकता है। वैसे 30 दिन का समय ही ज़्यादातर टमाटर की नर्सरी तैयार होने में लगता है।

टमाटर की खेती कैसे करते हैं | टमाटर के पोधों की रोपाई

  1. जब नर्सरी में टमाटर के पोधे 30 दिन तक के हो जाते है तब आपने इन पोधों को टमाटर की खेती के लिए की गयी जमीन के अंदर लगाना है।
  2. इसके लिए आपको सबसे पहले जो पौधे नर्सरी में तैयार किए है उन्हे 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम प्रति लीटर पानी के घोल में 10 से 15 मिनट के लिए डुबोकर रखें।
  3. इसके बाद आपने इन पोधों को खेत के अंदर आपको 70 से 90 सेंटीमीटर कतार की दूरी और लगभग 40 से 50 सेंटीमीटर की दूरी पर पोधों लगा दें।
  4. इन पोधों को लगाने के बाद आपने इनमें थोड़ा बहुत पानी का छिड़काव कर देना है। इसके अलावा आप चेक करते रहें कई बार कुछ पोधे लगाने के बाद जल जाते है तो उस जगह पर आप दूसरा पोधा लगा दें।

इस प्रकार आप टमाटर की खेती कर सकते है। इसके लिए आपको बीज की अच्छी क़िस्मों और पोधे नर्सरी में कैसे तैयार करें इसकी जानकारी होनी सबसे ज्यादा जरूरी है।

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बरसात में टमाटर की खेती कैसे करें? Barsat men Tamatar ki Kheti Kaise Karen

बरसात में टमाटर की खेती करने का प्रोसैस ऊपर बताया गया है वही रहेगा परंतु इसके अंदर आपको खेत में पनि देने की जरूरत नहीं होती है। इसलिए बरसात में आपको पानी की कम जरूरत पड़ती है।

गर्मी में टमाटर की खेती कैसे करें

गर्मी में टमाटर की खेती करने के लिए आपको दिसंबर और जनवरी के महीने में ही टमाटर की नर्सरी तैयार करनी शुरू कर देनी चाहिए। इसके बाद 30 से 40 दिन के अंदर नर्सरी तैयार हो जाती है और तो आप मार्च यान अप्रैल में टमाटर के पौधों को खेत में लगा सकते है। गर्मी में टमाटर की खेती करने का बाकी सारा प्रोसैस ऊपर बताए गए प्रोसैस के समान ही रहता है।

हाइब्रिड टमाटर की खेती कैसे करें –

अगर आप हाइब्रिड टमाटर की खेती करना चाहते है तो सारा प्रोसैस समान रहता है परंतु इसके लिए आपको हाइब्रिड टमाटर बीज से नर्सरी तैयार करके उन पौधों को लगाना चाहिए। इसके अलावा हाइब्रिड टमाटर की खेती करते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें की हाइब्रिड टमाटर के बीज की मात्रा देशी बीज की मात्रा की तुलना में कम डाली जाती है।

टमाटर की फसल में खरपतवार नियंत्रण –

टमाटर की फसल के अंदर काफी सारे ऐसे पोधे उग जाते है जो जमीन से पोशाक तत्व लेते है इससे फसल को पोशाक तत्वो की कमी हो जाती है। अत: आपने फसल के अंदर उगने वाले घास फूस को समय समय निकलते रहना है।

इसके अलावा आप खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए फ्लूक्लोरेलिन 1 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब स, मेरिटेंजिन (सेन्फोर) 0.25 – 0.50 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से और एलैक्लोर (लासों) 2.0 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से छिड़काव कर दें।

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टमाटर की फसल के रोग एवं उपचार | Tamatar ki Kheti me Lagne Wale Rog

दोस्तो टमाटर की खेती में अनेक प्रकार के रोग लगते है इससे खेती को बचना जरूरी होता है, टमाटर की खेती में लगाने वाले रोगो से बचाने के लिए अनेक दवाइयाँ है जिनसे आप टमाटर की खेती को रोगो से बचा सकते है।

टमाटर का पर्ण कुंचन रोग एवं उपचार –

टमाटर की खेती के अंदर पर्ण कुचन रोग यां फिर टमाटर की पत्तियों का सिकुड़ना बहुत बड़ा रोग होता है। यह रोग टमाटर के पोधे में वाइरस के कारण फैलता है। इस रोग के शुरुआती लक्षण पोधे में आने वाली नयी पत्तियों में देखने को मिलता है। इस रोग से पोधे का विकास रुक जाता है और इससे पत्तियों का रंग पीला यां सफ़ेद होना शुरू हो जाता है।

पर्ण कुंचन रोग का उपचार आप अच्छी दवाई के छिड़काव से कर सकते है। इसके लिए आपको स्पिरोमिसिफेन 22.90% एस.सी. @ 250 मिली दवाई को 200 लीटर पानी के साथ मिलकर एक घोल को तैयार करना है। इस बने हुए घोल को आप एक एकड़ में छिदकव कर दें। इससे रोग में आपको कमी देखने को मिल सकती है अगर आप अच्छी किसम के टमाटर के बीज का इस्तेमाल करते है तो आपको यह रोग ज्यादा देखने को नहीं मिलेगा।

मूलग्रन्थि/जड़गांठ रोग –

टमाटर के खेत में यह रोग भी काफी ज्यादा देखने को मिलता है। इस रोग के अंदर टमाटर के पौधे के जड़ो में गाँठे बन्नी शुरू हो जाती है। इस रोग के लगाने के बाद पोधे के पतियों का विकास नहीं हो पाता है। इसके अलावा जब आप टमाटर के पौधे को उखाड़कर देखते है तो आपको पोधे की जड़ों में गाँठे दिखाई देगी।

इस रोग से बचाव के लिए आपको टमाटर की खेती के साथ में गेंदा के फूलों की खेती भी साथ साथ में करनी चाहिए। इसके अलावा आप फर्टिलाईजर की दुकान से इसके लिए बढ़िया दवाई लेकर छिदकव कर सकते है।

टमाटर में मकड़ी/सफ़ेद मक्खी की दवा –

टमाटर की फसल में सफ़ेद मक्खी यां मकड़ी का लगना आप बात है। अगर इसकी तरफ समय रहते ध्यान नहीं दिया जाए तो फसल को काफी बड़ा नुकसान हो सकता है। इसके लिए आपको नीम आधारित जैविक दवा जैसे नीम बाण, निम्बेसिडीन आदि को दो मिली डाइमिथोएट 30 ई सी या मैलाथियॉन 50 ईसी एक मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव करना चाहिए।

टमाटर की फसल को झुलसा रोग से कैसे बचाएं?

टमाटर की खेती में झुलसा रोग का प्रकोप काफी ज्यादा देखने को मिलता है। अगर टमाटर की खेती में इस प्रकार का रोग लगता है तो आप 10 लीटर पानी में 30 ग्राम कॉपर ऑक्सी क्लोराइड और 1 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइलिन का पानी में घोल बनाकर तैयार कर लें जिसके बाद इस बने हुए घोल का फसल पर छिड़काव करने से इस रोग से छुटकारा पाया जा सकता है।

टमाटर में फल फूल की दवा –

अगर टमाटर के फूल झड़ने लगते है तो आपको प्लानोफिक्स 4 एमएल दवा का 16 लीटर पानी में घोल तैयार कर प्रति हेक्टेयर में इसका छिड्काव करना चाहिए।

खाद एवं उर्वरक | Tamatar ki Kheti ke Liye Khad

जब आप टमाटर की खेती के लिए भूमि तैयार करके टमाटर की खेती करते है उस समय आपको जैविक यां फिर पशुओं के गोबर की खाद खेत में डालनी चाहिए। इसके बाद आप जब नर्सरी से पोधे खेत में लगा देते है तो उस समय भी थोड़ी बहुत खाद और नीम की खलियाँ खेद में गेर दें।

इसके अलावा आपको खेत में पोधे लगाने से पहले 15 किलो नईट्रोजन, 20 किलो फॉस्फोरस एवं 15 किलो पोटाश को एक बीघा के अंदर डाल दें। इसके बाद आप फसल में पानी लगते समय भी कुछ मात्रा में उर्वरक डाल सकते है।

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टमाटर की खेती में सिंचाई –

अगर आप सर्दी में टमाटर की खेती करते है तो आप 10 दिन के अंतराल में बूंद बूंद सिंचाई कर सकते है। परंतु गर्मी में टमाटर की खेती करते है तो आपको 5 से 7 दिन के अंतराल में ही पानी की सिंचाई करनी होगी।

अगर आपके खेत में पानी का टैंक बना हुआ है तो आपको पानी स्टोर करके उस पानी से बूंद बूंद सिंचाई करनी चाहिए। इससे आपके पानी की 70 से 80 प्रतिशत तक की बचत होती है और 20 प्रतिशत ज्यादा पैदावार आपको देखने को मिल सकती है।

फलों की तुड़ाई एवं भंडारण –

अगर आपके आस पास बाजार में टमाटर की बहुत ज्यादा डिमांड है तो आप लाल होने पर ही टमाटर को तोड़कर बाजार में बेच सकते है। परंतु आप इन टमाटर को व्यापारिक रूप से किसी दूसरी जगह पर भेजना चाहते है तो आपको थोड़े थोड़े लाल होने पर ही टमाटर की तुड़ाई शुरू कर देनी चाहिए। इससे टमाटर लंबे समय तक खराब नहीं होते है।

इसके अलावा आप टमाटर की कीमत ज्यादा नहीं मिलने पर इसका भंडारण भी कर सकते है। अगर आप एक महीने तक टमाटर को रखना चाहते है तो आपको 12 से 13 डिग्री के तापमान में टमाटर को स्टोर करके रखना होगा। इसके अलावा आप 5 डिगी के तापमान में टमाटर को स्टोर करके कुछ ज्यादा टाइम तक भी रख सकते है।

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टमाटर की खेती से करोड़पति कैसे बने जाने

दोस्तो काफी सारे किसान भाई टमाटर की खेत से करोड़पति बन चुके है अगर आपके पास कम जमीन है तब भी आप अच्छे तरीके से टमाटर की खेती करके करोड़पति बन सकते है।

दोस्तो एक किसान ने बताया है की एक एकड़ की टमाटर की फसल में लगभग 30 हजार रुपए की लागत आती है और एक एकड़ में 400 से 500 क्विंटल टमाटर की अच्छी पैदावार हो जाती है। इससे किसान भाई को एक एकड़ में लगभग 3 लाख से 4 लाख की पैदावार होती है।

अगर आपके पास में 10 एकड़ जमीन है तो आप दस एकड़ जमीन में टमाटर की खेती करते है तो आपको सिर्फ 3 से 4 लाख की लागत में 30 से 40 लाख की फसल एक बार में हो जाती है। सबसे बढ़िया बात यह है की आप साल में 3 फसलें टमाटर की उगा सकयते है इस हिसाब से आपको 10 एकड़ जमीन में लगभग 1 करोड़ 20 लाख रुपए की पैदावार कर सकते है।

अगर किसी किसान भाई के पास सिर्फ 10 एकड़ जमीन है और वह आधुनिक विधि की मदद से बूंद बूंद सिंचाई पद्धति से साल में 3 टमाटर की फसल पैदा कर लेता है तो वह टमाटर की खेती से बड़े आराम से करोड़पति बन सकता है।

अगर आप भी टमाटर की खेती से अच्छी कमाई करने वाले किसान ने एक एकड़ जमीन से लगभग 3 से 4 लाख की खेती करके अच्छी कमाई कैसे की इसके बारे में जानने के लिए उनका दैनिक भास्कर में आया इंटरव्यू यहाँ टमाटर ने बना दिया करोड़पति क्लिक करके पढ़ सकते सकते है। 

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टमाटर की खेती कितने दिन की होती है

टमाटर की खेती लगभग 120 से लेकर 150 दिन की होती है परंतु ज़्यादातर बीज ऐसे भी है जिनमें फसल 100 दिन के समय में पककर तैयार हो जाती है।

काफी सारी जगह पर एक साल में टमाटर की 3 फसलें पैदा की जाती है तथा कुछ जगह पर एक साल में टमाटर की दो फसलें आराम से तैयार हो जाती है। वैसे टमाटर की खेती लगभग 150 दिन के अंदर पूर्ण रूप से तैयार हो जाती है, इससे ज्यादा समय नहीं लेती है।

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टमाटर कितने दिन में फल देता है?

टमाटर के पौधों को आप नर्सरी में तैयार करके खेत में लगते है। खेत में लगाने के 50 से 55 दिन के बाद टमाटर के फल लगाने शुरू हो जाते है। टमाटर के फल लाल होकर तैयार होने में लगभग 50 से 70 दिन का समय लगता है। इसके बाद आप टमाटर को तोड़ना शुरू कर सकते है और तोड़ने के बाद दुबारा से टमाटर के फल आने शुरू हो जाते है।

एक आइडिया ले तो लगभग 60 दिन का समय आप टमाटर के फल देने में लगने वाला समय मान सकते है। 50- 60 दिन टमाटर फल देने में लगा देता है।

टमाटर की पैदावार बढ़ाने के उपाय

अगर आप टमाटर की फसल की पैदावार बढ़ाना चाहते है तो इसके लिए आपको फसल में कुछ बातों का ध्यान रखना होता है।

  1. अगर आप अच्छी क्वालिटी के बढ़िया बीज का इस्तेमाल करते है तो पैदावार ज्यादा होगी। आपको रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले बीजों का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि रोग से फसल कम खराब होगी तो पैदावार ज्यादा होगी।
  2. टमाटर की ज्यादा पैदावार के लिए आपने इसके अंदर नाईट्रोजन, सल्फर और पोटाश की अच्छी मात्र का छिड़काव फसल में जरूर करना चाहिए।
  3. टमाटर की फसल में होने वाले खरपतवार को आप समय समय पर निकलते रहे। इससे फसल के पोषक तत्व फसल को मिलेंगे और पैदावार में बढ़ोतरी होगी।

टमाटर की पैदावार कितनी होती है

टमाटर की एक एकड़ में लगभग 400 क्विंटल तक की पैदावार हो जाती है। अगर जमीन अच्छे से तैयार की गयी हो और फसल में ज्यादा रोग नहीं लगे है तो फसल की एक एकड़ में 500 क्विंटल तक की भी पैदावार हो सकती है।

टमाटर की खेती से कमाई कितनी होती है?

एक एकड़ जमीन में लगभग 400 से 500 क्विंटल अच्छे किसम के टमाटर की पैदावार हो जाती है। अगर आपके खेत में पानी स्टोर करने के लिए टैंक की वयवस्था है तो आप बूंद बूंद सिंचाई करके अच्छी पैदावार कर सकते है। टमाटर की खेती में आप 40 से 40 हजार रुपए प्रति एकड़ की लागत में 3 से 4 लाख रुपए पार्टी एकड़ में टमाटर की खेती से कमाई कर सकते है।

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टमाटर की खेती के फायदे – 

किसान भाई टमाटर की खेती करते है तो इससे उन्हे बहुत सारे फायदे होते है जिनके बारे में हम आपको एक बार बता देते है।

  1. एक साल में आप टमाटर की तीन फसलें उगा सकते है जिससे आपको अच्छा मुनाफा मिलता है। 
  2. टमाटर की फसल तैयार होने में ज्यादा समय नहीं लेती है। कम समय में अधिक पैदावार मिलती है। 
  3. टमाटर की खेती करने के लिए लागत कम आती है और एक एकड़ में 400 से 500 क्विंटल की पैदावार होती है। 

निष्कर्ष –

किसान भाइयो आज के इस आर्टिक्ल में हमने आपके साथ टमाटर की खेती कैसे की जाती है और टमाटर की खेती के लिए कौनसी जलवायु सबसे उत्तम मानी जाती है इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी है। साथ ही आर्टिक्ल पढ़कर आपको पता चल जाएगा की कैसे किसान भाई टमाटर की खेती करके करोड़पति बन सकते है।

इस आर्टिक्ल में आपको टमाटर की खेती के लिए सबसे बढ़िया बीज, खरपतवार नियंत्रण, पोधे को रोगो से कैसे बचाए इसके बारे में सारी जानकारी मिली है। अगर आप भी टमाटर की खेती करने की सोच रहे है और आपको किसी भी प्रकार की कोई अन्य जानकारी चाहिए तो आप हमसे कमेंट में पूछ सकते है।

इसके अलावा मैं आपको एक बात कहना चाहूँगा की आप एक किसान है और टमाटर की खेती करना जानते है तो आप हमें इस खेती से जुड़ी कोई अहम जानकारी दे सकते है तो हमें हमारे टेलीग्राम पर मैसेज करके आप जरूर बताएं। ताकि आपके द्वारा दी गयी जानकारी बाकी टमाटर की खेती करने वाले किसान भाइयों के साथ भी हम शेयर कर सकें।

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kulwant singh bhati
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3 Comments

  1. टमाटर की खेती मुझे आपके आर्टिकल से प्रभावित होकर करना है कृप्या मार्गदर्शन प्रदान करने का कष्ट करें जी

  2. Sir hum up se hu hamari bhari Kali mitti h m arka rakshk tamatar ki kheti karna chahta hu kirpya uchit salah Dene kirpa kare

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