धान की खेती कैसे करें,( धान की नर्सरी कैसे तैयार करें )

धान की खेती कैसे करें

किसान भाइयों आपका हमारे ब्लॉग में स्वागत है किसान भाइयों आई हम आपको इस आर्टिकल में धान की खेती कैसे करे इसके बारे में जानकारी देंगे जिसमे आपको नर्सरी तैयार करने से लेकर धान की कटाई होने तक आपको सभी जानकारी हमारे ब्लॉग में देगे

क्यो की धान एक ऐसी खेती है तो की पूरे विश्व मे भोजन के रूप में प्रयोग किया जाता है और धान की माग अधिक होने के कारण बहुत अधिक किसान धान की खेती कर रहे है लेकिन कुछ किसान भाई ऐसे भी है जो पहली बार धान की खेती करना चाहता है और उस किसान को धान की खेती के बारे में जानकारी कम होगी या जानकारी होगी ही नही तो ऐसे किसान भाइयों की सहायता के लिए हम धान की फसल के बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेकर आयेगे जिससे हर किसान धान की खेती कर सकता है

किसान भाइयों हम हमारे आर्टिक्ल में यह भी बतायेगे की कोनसा बीज बोने से फसल अच्छा उत्पादन देती है इसके अलावा इसके लिए खाद की कितनी आवश्यकता होती है वह धान में लगने वाले सभी रोगों से कैसे बचा जा सकता है इन सभी की जानकारी हम हमारे ब्लॉग में देगे

किसान भाइयों अगर आप हमारे आर्टिक्ल को पढ़कर धान की खेती करना चाहते है तो आपकी फसल अच्छा उत्पादन दे सकती है इसके लिए आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी को पढ़े वह इस जानकारी के हिसाब से चले

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 खेती की तैयारी

किसान भाइयों गर्मियो की जुताई के बाद 2 से 3 जुताई करके खेत को तैयार करना चाहिए इसके साथ साथ मजबूत मेड़बन्दी भी कर देनी चाहिए जिससे अगर बारिश का पानी अधिक हो तो उसे लम्बे समय के लिए सिंचित किया जा सके। किसान भाइयों धान की खेती में आप हरी खाद का प्रयोग कर सकते हो जिससे फसल में अधिक पैदावार दे

किसान भाइयों अगर आप हरी खाद का प्रयोग कर रहे हो तो हरी खाद की बुवाई के समय ही फास्फोरस का प्रयोग कर ले। धान की खेती की बुवाई करने के एक सप्ताह बाद सिचाई कर देनी चाहिए ( धान की खेती कैसे करें, धान की नर्सरी कैसे तैयार करें )

धान की प्रजाति

1. असिंचित दशा शीघ्र पकने वाली वेरायटी

सीधी बुवाई-  नरेन्द्र 97, नरेन्द्र 118, शुष्क स्मार्ट

रोपाई – नरेन्द्र 80, नरेन्द्र 118, शुष्क स्मार्ट, मालवीय धान 2,

2. सिंचित दशा शीघ्र पकने वाली (100-120) दिन

पूसा 169, नरेन्द्र 80, शुष्क स्मार्ट मालवी धान 2,

नरेन्द्र 118, पन्त धान 10,

3. मध्यम अवधि में पकने वाली (125-140 दिन)

सूरज 52, नरेन्द्र 359,पूसा 44, नरेन्द्र धान 2064,

4. देर से पकने वाली (140 दिन से समय मे)

बल्लभ बासमती 22, मालवीय सुगंध 105, तारावडी बासमती, स्वर्णा, महसूरी, साकेत-4‚ झोना-349 साकेत-4, बासमती-370, पूसा बासमती-1,

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 धान की नर्सरी कैसे तैयार करें

किसान भाइयों नर्सरी तैयार करने से पहले खेत को कंप्यूटर जरूर करा लें जिससे पूरी नर्सरी एक जैसी दिखे वह कहि पानी एकत्रित नही होगा

किसान भाइयों नर्सिंग में बीज लगाने से पहले उसे उपचारित जरूर कर ले जिससे धान की खेती में पीला पल नही आएगा उपचार के लिए आपको carbendazim 25% ओर साथ मे mancozeb 25% का उपयोग करे ( धान की खेती कैसे करें, धान की नर्सरी कैसे तैयार करें )

नर्सरी में बीज 24 घण्टे में बीज अकुरण हो जाता है जब तक बीज अकुरण नही होता तब तक बीज पर पानी का छिड़काव करते है जिससे जमीन में सीलाभ बनी रहती है साथ मे गर्मी नही रहती जिससे बीज जल्दी अकुरण होता है

किसान भाइयों जब नर्सरी 20 से 25 दिन की हो जाती है तब आप इसे खेत मे रोपाई कर सकते हो नर्सरी की फसल 20 से 25 दिन से ज्यादा समय की नही होनी चाहिए जिससे खेत मे सही लगे

किसान भाइयों नर्सरी की खेती में खरपतवार आने पर समय समय उनका नियंत्रण हाथों से करते रहे जिससे नर्सरी अच्छी तरह से चल सके इसके अलावा आप दवा का भी प्रयोग कर सकते हो जैसे कि। ब्यूटाक्लोर की 120 मिली ग्राम मात्रा 100 लीटर पानी मे  मिलाकर धान की रोपाई के 2 से 3 दिन बाद छिड़काव कर देना चाहिए ( धान की खेती कैसे करें, धान की नर्सरी कैसे तैयार करें )

धान के बीज की मात्रा तथा बुवाई

किसान भाइयों धान के बीज की कितनी मात्रा होनी चाहिए यह आपको जरूर दियांन रखना चाहिए  जिससे आपकी फसल का सही उत्पादन दे सके।

किसान भाइयों धान के बीज को खेत मे लगाने से पहले आपको धान के बीज को अच्छी तरह उपचारित कर लेना चाहिए जिससे धान के बीज का अकुरण अच्छा होता है

धान के बीज को उपचारित करने के लिए आपको 25 किलो बीज में 4 ग्राम स्ट्रेपटोसईक्लीन ओर 75 ग्राम थीरम से उपचारित कर लेना चाहिए

किसान भाइयों आइये अब जानते है कि बुवाई के समय बीज की कितनी मात्रा डालनी चाहिए

किसान भाइयों धान की बुवाई 2 तरह से की जाती है और दोनों तरह से बुवाई करने के लिए बीज अलग अलग आता है

अगर धान की बुवाई सीधे करते है तो 40 से 50 किलो बीज प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बुवाई करनी चाहिए

अगर आप धान की पंजीरी बनाकर रोपाई करना चाहिए है तो 30 से 35 किलो बीज प्रति हेक्टेयर के लिए लेना चाहिए। ( धान की खेती कैसे करें, धान की नर्सरी कैसे तैयार करें )

धान की खेती में सिचाई

किसान भाइयों धान की खेती ऐसी खेती है जिसमे पानी की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है इसके लिए आपको समय समय पर सिचाई करते रहना चाहिए

धान की रोपाई करने के तुरत बाद आपको खेत मे सिचाई कर देनी चाहिए धान की फसल में कल्ले फूटने तक दाना भरने समय तक खेत में पानी की आपूर्ति करते रहे

धान की खेती में पानी की आपूर्ति करने के लिए बाध बनाकर पानी की पूर्ति करे

जिससे धान की फसल अच्छे से व्रद्धि करे।

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धान की खेती में उर्वरक की मात्रा

किसान भाइयों धान की खेती मे अच्छा उत्पादन के लिए खेत मे सही मात्रा में उर्वरक का होना बहुत आवश्यक है

किसान भाइयों धान की अलग अलग खेती के हिसाब से अलग अलग मात्रा में खाद का पर्योग किया जाता है साथ मे मिट्टी की गुणवत्ता के हिसाब से धान में खाद का प्रयोग किया जाता हैं  धान की रोपाई के तुरन्त बाद अगर सही मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग किया जाए तो धान की खेती अच्छा उत्पादन देती है  किसान भाइयों बहुत से लोग धान की खेती में यूरिया का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते है जिससे धान की फसल में नुकसान हो जाता है इस लिए आपको धान की खेती में यूरिया का अधिक प्रयोग नही करना है ( धान की खेती कैसे करें, धान की नर्सरी कैसे तैयार करें )

किसान भाइयों अगर आप फसल से अधिक पैदावार लेना चाहते हो तो आपको इस तरह से खाद का प्रयोग करना है

100 से 130 किलो DAP,  75 किलो MOP, 25 किलो जिक, 40 किलो यूरिया प्रति हेक्टेयर के हिसाब से रोपाई के समय प्रयोग करे

तथा धान की रोपाई के 25 से 30 दिन बाद 25 किलो यूरिया का प्रयोग करे।

धान की खेती 40 से 45 दिन के बाद आप 30 किलो यूरिया ओर 12 किलो MOP पोटाश का प्रयोग करे।

धान की फसल में लगने वाले रोग

जीवाणु जनित झुलसा

किसान भाइयों एक बीमारी धान के 20 से 25 दिन के होने के बाद लगता है  इस रोग में धान के ऊपर की पतिया पीली   पड़ जाती है जिससे पौधे का विकास नही होता ज्यादा अधिक रोग फैलने पर पतिया जड़नी शुरू हो जाती है

6 ग्राम strepto + 300 gram copperoxychloride 50% दवा का 200 लीटर पानी मे मिलाकर स्प्रे करें।

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धान का झुलसा रोग

यह रोग आपको धान की रोपाई से लेकर लास्ट तक दिखाई देता है इस मे पतियों पर धब्बे बन जाते है इस रोग के निवारण के लिए आपको power plant फगी साइड का उपयोग करना है इसके लिए आपको 1 लीटर में 2 ग्राम दवा का उपयोग करना है

धान  की भूरी चिति रोग

यह रोग बीज जनित रोग है इसके बचाव के लिए बीज को उपचारित करके लगाए इस रोग में गोला आकार के भूरे रंग के पतियों पर धब्बे बन जाते हैं पढ़े की बढ़वार इससे कम हो जाती है धीरे धीरे यह रोग बढ़ने लगता जिससे पतिया सुख जाती है और जड़ने लगती है इसके बचाव के लिए आप power plant  दवा का उपयोग कर सकते हो यह दवा लग भग सभी बीमारी में काम आती है

धान की शिथ ब्लाइट

यह रोग तने पर लगते है यह फफूंद जनित रोग है इसके बचाव के लिए फफूंद नाशित को मिटी में मिलाकर जमीन में रोपाई के समय ही छिड़काव कर दे

इसके अलावा अगर रोग लग गया है तो इसके बचाव के लिए आपको  hexaconazol 5% EC 250ml दवा 200 लीटर पानी मे डालकर छिड़काव करना है

धान का खेरा रोग

यह रोग जिक की कमी के कारण होता है इसमे पतियों पर पीले रंग के धब्बे बन जाते है और धीरे धीरे पतिया पूरी पीली पड़ जाती है ओर पतिया गिरने लग जाती है इसके बचाव के लिए आपके खेत मे जिक की मात्रा पूरी होनी चाहिए

इसके लिए आप 6 से 8 किलो प्रति एकड़  के हिसाब से जिक का प्रयोग करे इसका प्रयोग आप यूरिया में मिलाकर भी कर सकते हो किसान भाइयों आप जिक का प्रयोग खेत तैयार करते समय कर सकते हो या धान की रोपाई के 15 से 20 दिन के बाद इसका प्रयोग कर सकते हो।

धान का हल्दी रोग ( कड़वा रोग )

किसान भाइयों इस रोग को कड़वा रोग भी कहा जाता है। इसका लक्षण धान की बालियों पर दिखाई देता है इसके बचाव के लिए रोग ग्रसीत पौधों को उखाड़ देना है और इसके बचाव के लिए  copper oxychloride 50%wp दवा का प्रयोग करना है

इसके लिए आपको 300 gm  दवा में 200 लीटर पानी मिलाकर खेत मे छिड़काव करना है इस  दवा का प्रयोग  आप बाली निकलने से पहले करना है ( धान की खेती कैसे करें, धान की नर्सरी कैसे तैयार करें )

किसान भाइयों अगर आपके धान में बाली निकल गई है तो आप propiconalzal दवा को 300 ml दवा को 200 लीटर पानी मे मिलाकर छिड़काव करें।

किसान भाइयों इसके अलावा आप power plant फगी सहीड का भी प्रयोग कर सकते हो आप इस रोग के उपचार के लिए जो दवा उपयोग में लेते हो इसमें से आप उस दवा का प्रयोग सात दिन के बाद ओर करे क्यो की अगर कुछ कड़वा रोग धान में रह गये तो यह भीर से फसल में फेल जायेगे।

धान की फसल में उपज

किसान भाइयों धान की फसल में अलग अलग किस्मो पर अलग अलग उपज प्राप्त होती है साथ मे आपकी देखभाल पर होता अगर आपकी फसल में किसी भी प्रकार का कोई रोग नही लगता तो आपकी उपज अच्छी होती है फिर आप इसका चावल निकालर कर या सीधे ही बाजार में बेच सकते हो। अगर आप चावल निकालकर बेचते हो तो अच्छी कमाई होती है सरकार द्वारा लगाए गए केंद्रों ओर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी मंडी में बेच सकते हो।

निष्कर्ष

किसान भाइयों आज हमने आपको धान की खेती के बारे में बताया कि आप धान की नर्सरी कैसे तैयार करें ओर धान की खेती कैसे करें  इसके अलावा भी धान से जुड़ी ओर भी बहुत जानकारी दी है जिससे आप धान की खेती करते हो तो आपके लिए यह आर्टिक्ल लाभकारी है क्यो की आप इस आर्टिकल को पढ़कर आपके धान से अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हो ( धान की खेती कैसे करें, धान की नर्सरी कैसे तैयार करें )

किसान भाइयों धान की खेती अब बहुत ज्यादा सख्या में कि जाने लगी है क्यो की इस खेती में आपको अच्छी पैदावार मिल जाती है लेकिन आपको समय समय पर खाद वह उर्वरक के साथ साथ रोगों का भी विशेष दियांन देना होता है जिससे आपको अच्छी फसल प्राप्त हो सके

किसान भाइयों अगर आपको हमारा आर्टिक्ल अच्छा लगा तो आप हमें कॉमेंट कर सकते हो इसके अलावा अगर आपको किसी भी परकार की जानकारी चाहिये तो भी आप हमें कॉमेंट कर सकते हो हम आपके द्वारा बताई गई जानकारी को भी विस्तार से बताने की कोसिस करेगे धन्यवाद।

kulwant singh bhati
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