जैविक खाद बनाने की विधि क्या है, Jaivik Khad Banane best Tarika( 2 mint me

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जैविक खाद बनाने की विधि क्या है

आज कल खेतो में रासायनों का प्रयोग बहुत ज्यादा बढ़ रहा है जिससे इसका बुरा असर खेत की मिट्टी  पर तो पड़ ही रह है इसके साथ साथ इस खेत से उत्पादित अनाज , फल, सब्जियां, में इसका रसायनों का असर आ रहा है जिसका सेवन करने से हमारी सेहत खराब हो रही है इसलिए हमें अब जैविक खेती की ओर बढ़ने की जरूरत है रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग कम करते हुए जैविक खाद  को बढ़ावा देने की जरूरत है

अगर हम खेती की बात करे तो कोई भी खेती बिना सूक्ष्म जीवों के नही हो पाती यानी कि ऐसे वैक्टीरिया जो खेती के लिए आवश्यक है या पोषक तत्वों को फसल तक पहुचाते है इसकी पूर्ति के लिए जैविक खाद का उपयोग बहुत जरूरी है तो आइये जानते हैं जैविक खाद में बारे में विस्तार से

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जैविक खाद क्या हैं? Jaivik Khad Kya Hai in Hindi

जैविक खाद वे प्राकृतिक  पदार्थ होते हैं जो किसानों के द्वारा पोधो में भोजन के रूप में दिया जाता है, जिससे मिट्टी में पोषक तत्व को बढ़ाकर मिट्टी को उपजाऊ बनाती है।

जैविक खाद वह तरीके हैं जो कि पुराने समय मे बुजुर्ग अपनाते थे जो किसी रासायनिक खाद का उपयोग नही करते थे आज कल रासायनिक खाद का उपयोग बहुत ज्यादा करने से भूमि में सभी आवश्यक पोषक  तत्व  कमजोर हो रहे हैं, जिससे भूमि बंजर होने की परिस्थितियों में आ गई है।

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जैविक खाद किसे कहते हैं? Jaivik Khad Kise Kahate Hain

जैविक खाद की परिभाषा : ऐसी खाद जिसके अंदर हम किसी भी प्रकार के रसायनिक और दवाइयों का इस्तेमाल किए बिना अपने घर पर मौजूद अपशिष्ट पदार्थ, पशुओं के गौबर, पेड़ पोधों के पत्तों की मदद से जो खाद तैयार करते है उसे जैविक खाद कहा जाता है। मुझे उम्मीद है आपको अब जैविक खाद की परिभाषा समझ में आ गयी होगी। 

जैविक खेती किसे कहते हैं ? Jaivik Bharat Kise Kahate Hain?

खेत मे फसल बोन से लेकर काटने तक की वह प्रकिया है जिसमे  कोई भी केमिकल युक्त  कीटनाशी दवा का उपयोग नही किया जाता और ना ही किसी रासायनिक खाद का उपयोग किया जाता हैं या धीरे धीरे कम कर दिया जाता है इसमे सभी प्रकिया जैविक खेती पर निर्भर होती है। जिससे खेत की उर्वरक क्षमता  बढ़ाने के साथ साथ फसल का उत्पादन भी बढ़ाना है।

जैविक खाद कैसे तैयार की जाती है? Jaivik Khad Kaise Banate Hain

जैविक खाद गाय के गोबर , मल , मूत्र, वह सड़ी गली सब्जियां या सब्जियों का अवशेष भाग ओर सुखी पतिया , खराब गुड़,  खेत मे पड़ी पराली, वर्मीकम्पोस्ट, ट्राइकोडर्मा,  दलहनी फसल को मिट्टी में मिलाकर आदि। से जैविक खाद तैयार किया जाता है।

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जैविक खाद बनाने की विधि | Jaivik Khad Banane Ki Vidhi

किसान भाइयों सबसे पहले मैं आपको बता दूँ की जैविक खाद बनाने की कोई एक विधि नहीं बल्कि अनेक विधियाँ है जिनसे आप जैविक खाद तैयार कर सकते है। हम आपको यहाँ पर उन सभी विधियों के बारे में बताएँगे, आपने अपने हिसाब से उनमें से किसी भी विधि से जैविक खाद बना लेनी है।
अगर आपके पास कचरे की मात्र ज्यादा है तो आप कचरे से जैविक खाद बनाने की विधि इस्तेमाल करें, अगर आपके पास गाय भैंस का गोबर पड़ा है तो आप उससे जैविक खाद तैयार करने वाली विधि का इस्तेमाल कर सकते है तो चलिये दोस्तो जानते है।
  1. डीकंपोजर से जैविक खाद कैसे बनाएँ
  2. केंचुआ खाद बनाने की विधि
  3. कचरे से खाद बनाने की विधि
  4. प्रोम से जैविक खाद बनाने की विधि

डीकंपोजर से जैविक खाद कैसे बनाएँ –

इस विधि की मदद से बहुत से किसान भाई खाद बनाते है अगर आप इस विधि को पढ़ने के बाद खाद बनाना चाहते है तो बड़ी आसानी से कम लागत में आप जैविक खाद तैयार कर सकते है।
  1. वेस्ट डिकम्पोजर से खाद बनाना बहुत आसान  है इसे आप घर पर आसानी से बना सकते हैं।  इसके लिए आपको 200 लीटर प्लास्टिक का ड्रम की आवश्यकता पड़ेगी, साथ ही 2 किलो गुड़ जितना खराब गुड़ हो उतना ही अच्छा होता है।
  2. इसके साथ में आप 2 लीटर छाछ की आवश्यकता पड़ेगी अगर गाय की छाछ हो तो बहुत अच्छा ओर इसके अलावा वेस्ट डिकम्पोजर की शिसी चाहिए,
  3. ध्यान रखे कि जब भी आप वेस्ट डिकम्पोजर खरीदे तो उसके ऊपर फंगस जैसी हरि हरि परत है या नही अगर है तो वह अच्छी शिसी मानी जाती है।
  4. अब आपको सबसे पहले 200 लीटर प्लास्टिक वाले ड्रम को पानी से भर लेंगे और एक बाल्टी में गुड़ को गोल लेंगे उसके बाद ड्रम में मिला दे।
  5. इसके बाद आप इसमें 2 लीटर छाछ डाल देंगे, उसके वाद वेस्ट डिकम्पोजर को छोटी लकड़ी से निकाल कर ड्रम में मिला देगे ध्यान दे कि किसी लोहे की छड़ का प्रयोग ना करे क्यो की इसमे वैक्टीरिया होते हैं लोहे की छड़ लगने पर ये वैक्टीरिया मर जाते हैं।
  6. फिर लड़की या प्लास्टिक की पाइप से ड्रम में घड़ी की सुई की दिशा में घुमाए गए। रोजाना इसे एक या दो बार घुमाए वह इसे सूती कपड़े से ढक कर रखे।
  7. वेस्ट डिकम्पोजर को हमेशा छाया में रखे और यह वेस्ट डिकम्पोजर 10 दिन में तैयार हो जाएगा।
  8. इसके अलावा घर मे जो गोबर की ढेरी होती है उसको सड़ने में 6 महीने लग जाते हैं, अगर आप वेस्ट डिकम्पोजर के गोल का रोजाना गोबर की डेरी पर छिड़काव करोगे तो 1 महीने में खाद तैयार हो जाएगी तथा इसमे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होंगे

इसका उपयोग आप पानी लगते वक्त कर सकते हो जब भी आप अपने खेत मे पानी लगाए तो किसी नल या पाइप से धीरे धीरे पानी के साथ बहने दो जिससे पानी के साथ वैक्टीरिया आपके खेत मे चले जायेंगे। अगर इसका  फायदा जल्द से जल्द चाहिये तो आप 1000 लीटर 1 बिधा में पानी के साथ बहां दे इसके उपयोग से खेत की मिट्टी ठोस नही होती।

नोट : ध्यान दे कि एक बार वेस्ट डिकम्पोजर के घोल का उपयोग करने के बाद आप को दुबारा वेस्ट डिकम्पोजर की शिसी की आवश्यकता नही पड़ती आप एक बार मे ही इसे लाइफ टाइम तक चला सकते हो

जब भी आप वेस्ट डिकम्पोजर के घोल का उपयोग करे तब ड्रम में 3 से 4 लीटर पानी रखा ले बाकी  पानी खेत मे बहा दे और फिर 3 से 4 लीटर पानी मे 200 लीटर पानी 2 किलो गुड़ 2 लीटर छाछ मिला दे और फिर से 10 दिन में घोल तैयार हो जाएगा।

अगर आप 200 लीटर ड्रम की बजाए बड़ा ड्रम लेना चाहते हो  तो जितना गुणा ड्रम ले उतनी की मात्रा गुड वह छाछ की बड़ा दे अगर आप को वेस्ट डिकम्पोजर की आवश्यकता है तो आप यहां से वेस्ट डिकम्पोजर खरीद सकते हो।

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केंचुआ खाद बनाने की विधि | Kechua Khad Kaise Banaya Jata Hai

केंचुआ खाद भी एक बहुत ही अच्छी क्वालिटी की जैविक खाद होती है किसान भाई इस खाद को बनाकर भी अपने खेत में फसल की पैदावार बढ़ा सकते है तो चलिये किसान भाइयों केंचुआ खाद बनाने की विधि के बारे में भी जान लेते है।

केचुआ खाद को वर्मीकम्पोस्ट भी कहा जाता है। केचुआ खाद का प्रयोग जमीन की उर्वरक शक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता है। साधारण खाद के  बजाए केचुआ खाद  6 गुणा ज्यादा उर्वरक शक्ति को बढ़ाता है।

केचुआ की अलग अलग वेरायटी होती है सबसे ज्यादा तेजी से काम करने वाले लाल केचुआ होता है यह केचुआ ढाई महीने में अच्छी खाद तैयार कर देता है।

केचुआ खाद बनाने के लिए सबसे पहले तो आपको एक सही स्थान का चुनाव करना बहुत जरूरी होता है उसके बाद एक बेड/ टैंक तैयार करना है जिसकी  लम्बाई 10 से 15 फिट रखनी है चौड़ाई आप को 2 से 2.25 फिट रखनी है ओर उचाई  2 से 2.50 फिट रखनी है।

केचुआ खाद बंनाने के लिए कूछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए 

  • केचुआ खाद को हमेशा छायादार स्थान  पर तैयार करना चाहिए
  • केचुआ खाद के लिए तापमान का भी दियांन रखना चाहिए इसके लिये सही तापमान 28 से 32 डिग्री है
  • केचुआ खाद के लिए नमी का भी दियांन रखना होंगा 50 से 60 % तक नमी होनी चाहिए
  • सर्दी के मौसम में अनावश्यक रुप से पानी ना ढाले पानी की मात्रा इतनी ही ढाले की खाद में नमी बनी रहे

केचुआ खाद बनाने के लिये आवश्यक सामग्री 

केचुआ खाद बनाने के लिए बेड में सड़ा हुआ गोबर , कूड़ा कचरा, फसल अवशेष, घास फूल और पानी आदि की आवश्यकता पड़ती है।

केचुआ खाद बनाते समय ध्यान देने योग्य बाते

अगर आप ने 100 किलो फसल अवशेष या कचरा लिया है उसमें 100 किलो गोबर मिला दे फिर इसमे पानी का छिड़काव करके 15 से 20 दिन के लिए छोड़ दीजिए जिससे इसके अन्दर की गर्मी निकल जायेगी।

15 से 20 दिन बाद गोबर को ऊपर से नीचे पलट कर उसमें आधा से एक किलो केचुआ डाल दीजिए ओर ऊपर से फ़टी पुरानी बोरी या पराली से ढक दीजिये ओर फिर हल्का हल्का छिड़काव कर दीजिये।

जब खाद सुखी चाय पती जैसी हो जाये तो समज जाइये की खाद तैयार है।

केचुआ खाद बेड से कैसे निकाले – 

जब आप को खाद निकालना हो उससे 2 से 3 दिन पहले पानी का छिड़काव बन्द कर दे जिससे केचुआ नमी की तलास में नीचे चले जायेंगे ओर ऊपर से खाद को इकट्ठा करके बार निकाल ले।

ध्यान रखे खाद को हमेसा हाथ से ही इकठ्ठा करें फिर इसे खेत मे डाल सकते हो।

अगर आपको खाद बनाकर बेचनी  है तो इसे अच्छी क्वालिटी की बना लेंगे इसके लिए आप केचुआ खाद को को बाहर निकालने के बाद बड़ी जार या छलनी से छान लेगे जिससे कि जो इसमे केचुआ आ गया हो या  खाद की गांठ बनी हो वह पातर अलग हो जाएगा और इसे दुबारा बेड में डाल देंगे। जो छनि हुही खाद होगी उसकी पेकिंग करके बेंच सकते हो।

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केचुआ खाद में पोषक तत्व –

  1. नाइट्रोजन 1.5%
  2. स्फुर 1.6%
  3. पोटाश 1.5 %

केचुआ खाद के फायदे – 

  1. केचुआ खाद से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है
  2. केचुआ से मिट्टी हल्की होने पर जल धारण  क्षमता बढ़ जाती है
  3. केचुआ खाद से पोधो में नाइट्रोजन पोटास फास्फोरस ओर अन्य सूक्ष्मजीव  जिसकी आवश्यकता होती है उनकी कमी नही रहती

कचरे से खाद बनाने की विधि | Kachre Se Khad Banane Ki Vidhi –

कचरे से खाद बनाने की कई विधी है जिसके द्वारा हम अच्छी खाद बना सकते हैं। कम्पोस्ट खाद फसल अवशेष , खरपतवार, पशुओं का बचा  चारा , पेड़ पोधो की पतिया , रसोई घर का बचा अपशिष्ट पदार्थ जैसे सब्जियों के छिलके , चाय पति आदि से कम्पोस्ट खाद तैयार की जाती है।

इन्दोर विधि : 

इन्दोर विधि के द्वारा कम्पोस्ट खाद बनाना सबसे अच्छी विधि मानी गई है इस विधि को ए होवार्ड ने विकसित की थी।

  1. इस विधि के द्वारा खाद बनाने के  लिए सबसे पहले एक गढ़ा खोद लेते हैं
  2. गड़े की चोड़ाई 6 से 8 फिट , लम्बाई 10 फिट , गहराई 3 फिट की रखा लेनी है
  3. इसके बाद सबसे पहले इसमे 3 इंच  कचरा ढालना है
  4. उसके बाद 2 इंच तक गोबर बिछा देना है
  5. ओर पानी का छिड़काव करना है
  6. फिर उसी क्रम में कचरा , गोबर, फिर पानी का छिड़काव करना है
  7. इस तरह गड़े को 1 फिट तक भरना है
  8. उसके बाद हर 10 से 15 दिन के अंतराल पर कचरे तथा गोबर को मिलना है
  9. तथा पानी का छिड़काव करते रहे इसमे पानी की आवश्यकता अधिक होती है
  10. 4 महीने में कम्पोस्ट खाद तैयार हो जाएगा इसमे नाइट्रोजन का हास होता है

एडको विधि : 

  1. एडको विधि को इंग्लैंड में हचीसम वह रिचार्ड ने विकसित की
  2. इसमे गोबर की जगह एडको पाउडर लेते हैं
  3. 100 किलो कचरे को गलाने के लिऐ 7 किलो एकड़ो पाउडर लेते हैं
  4. यह खाद 45 दिन में तैयार हो जाती है

बंगलोर विधि :

C.N. आचार्य ने यह विधि विकसित की थी,  यह भारत मे सबसे ज्यादा चलने वाली विधि है और सस्ती भी है। इसमे नाइट्रोजन का हास नहीं होता है इस विधि में पलटाई करने की आवश्यकता नही होती।

  1. इसमे गड्डे का आकार चोड़ाई 6 से 8 फिट , लम्बाई 10 फिट , गहराई 3 फिट की रखा लेनी है
  2. इसमे सबसे पहले 8 से 10 इच कचरा गड़े में दाल लेना है
  3. फिर इसमे गोबर की जगह मानव का मल या मानव विस्टा लेना है
  4. इसी प्रकार ऊपर तक भर लेना है और सबसे ऊपर गोबर की लिपाई कर देंगे जिससे हवा अंदर नही जाएगी और ना ही बाहर आएगी
  5. इससे 3 से 4 महीने में खाद तैयार हो जाएगी

नाडेप विधि : 

महाराष्ट्र के किसान नाडेप काका के द्वारा विकसित की गई है इस विधि को बनाने में पशुओ का गोबर कम लगता है।

  1. इसके लिए चोड़ाई 6 से 8 फिट , लम्बाई 10 फिट , गहराई 3 फिट का एक गडा खोद लेंगे
  2. फिर इसमे 6 इंच कचरा डाल देंगे
  3. ओर पानी मे गोबर मिला कर छिड़काव कर लेंगे
  4. छिडकाव करने के लिए गोबर की मात्रा 4 से 5 किलो ओर पानी 120 से 150 लीटर लेना है
  5.  इसके बाद सुखी मिट्टी 50 से 60 किलो लेनी है इसके ऊपर बिछा देगे
  6.  इस विधि के द्वारा खाद बनने में 3 से 4 माह का समय लग जाता है

मायादास विधि : 

  1. यह विधि उत्तर प्रदेश के क्रषि विभाग द्वारा विकसित की गई है
  2. इस विधि में कोमल तने वाले पोधो का उपयोग किया जाता है
  3. इसमे पलटाई की आवश्यकता नही पड़ती
  4. इसमे अपशिष्ट पदार्थ   गोबर वह मूत्र की तही के रूप में गड्ढे में लगाया जाता है
  5. इसमे 2 गड्ढे बनाये  जाते हैं जिसको आपस मे मिला दिया जाता है एक गडा बड़ा जिसमे खाद बनाई जाती है और दूसरा गडा छोटा  जिससे हवा लग सके
  6. इस विधि के द्वारा 6 से 8 महीने में खाद तैयार होती है
 
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फूल एवं रसोई में बचे अवशेष से खाद कैसे बनाए :
आपके और हमारे सभी के घर के अंदर रसोई में अनेक प्रकार की सब्जियों के छिलके, चाय बनाने के बाद चायपती बचती है। हम सभी इसे ऐसे ही फेंक देते है परंतु आपको पता है रसोई में बचने वाले इन समान से भी आप खाद तैयार कर सकते है।
  1. फूल वह किचन अवशेष  से खाद बनाने के लिए इनको बारीक बारीक कचरा बना ले वह एक गड़े में डाल दे उस गड़े में रोजाना डी कम्पोज़र का छिड़काव करना होगा।
  2. इसे छाया में ढक कर रख दे, यह कचरा 2 से 3 माह में गलकर खाद के रूप में तैयार हो जायेगा  जो फसल के लिए बहुत अच्छा है

कचरे की खाद की कितनी मात्रा खेत में डालें : 

अगर यह खाद आपको किसी सामान्य फसल में डालनी है तो 10 से 15 टन प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डाले। अगर सब्जियो में डालनी है तो 20 से 25 टन प्रति हेक्टेयर डालनी है। यह खाद बुवाई करने से 3 या 4 दिन पहले डाले।

नॉट. कचरे की खाद बनने में गोबर क्यो लेते हैं इसका कारण मैं आपको बता देता हूँ की गोबर कचरे को सड़ाने में मद्त करता है।

कचरे से खाद बनाने के फायदे : 

कचरे का प्रयोग खाद बनाने में किया जाता हैं जिससे पर्यावरण प्रदूषण के साथ साथ बीमारियां कम आती है

प्रोम से जैविक खाद बनाने की विधि | Prom Khad Banane Ki Vidhi :

प्रोम क्या है : प्रोम एक ऑर्गेनिक खाद है जिसमे फास्फोरस की मात्रा ज्यादा पाई जाती है मिनरल उर्वरक एव जैविक खाद का मिश्रण है वह फसल उत्पादन में बहुत अच्छी है प्रोम खाद को  घर पर आसानी से  तैयार कर सकते हैं

  1. सबसे पहले गोबर की खाद या अन्य कार्बनिक पदार्थ लेना है
  2. फिर इसमे  रॉक फास्फेट या हड्डी का चूरा मिलना है
  3. ओर PSB कल्चर मिलाकर अच्छी तरह मिला लेगे
  4. या वेस्ट डी कम्पोज़र भी मिला सकते हैं
  5. ओर पानी का छिड़काव करेंगे
  6. 30 से 40 दिन तक छाया में ढककर रखे
  7. जब तक खाद तैयार ना हो तब तक इस पर हल्की नमी बनाए रखनी है, जब खाद भुर भूरी हो जाये तो इसका उपयोग कर सकते हैं

प्रोम खाद बनने की लिए आवश्यक सामग्री

1. प्रोम खाद बनाने के लिए रॉक फॉस्फेट या हड्डी का चूरा की आवश्यकता पड़ती है या ऐसा पदार्थ जिसमे फास्फोरस कि मित्रा पाई जाती है

2.  इसके अलावा गोबर की खाद , फसल अवशेष , खली , कचरा , उधोगो का अपशिष्ट पदार्थ आदि की आवश्यकता पड़ती है यानी कि ऐसे पदार्थ जिसमे कार्बन की मात्रा पायी  जाता है

3. PSB  कल्चर या वेस्ट डी कम्पोज़र और पानी।

 

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  • प्रोम खाद में 46%  फास्फोरस होती है जबकि DAP में 18 %  फास्फोरस होती है
  • प्रोम खाद का उपयोग करने से जमीन मुलायम रहेगी
  • प्रोम खाद लम्बे समय तक मिट्टी को उपजाऊ बनाये रखेगी

जैविक खाद के फायदे क्या है? Jaivik Khad Ke Labh Bataiye

  1. मिट्टी की सुरक्षा तथा उर्वरकता को बढ़ाती है
  2. जल अवशोषण क्षमता को बढ़ाती है जिससे पोधो की अच्छी व्रद्धि होती है
  3. वायु सचार में व्रद्धि हो जाती है
  4. सिचाईं की कम आवश्यकता पड़ती है
  5. मिट्टी का तापमान नियंत्रित रहता है
  6. जैविक खाद से पोधो की जड़े अधिक विकास करती है
  7. रासायनिक खाद धीरे धीरे कम होने के साथ साथ लागत भी कम आती है
  8. जिस खेत मे जैविक खाद का छिड़काव किया है उस खेत में खरपतवार आता है
  9. जैविक खाद वाले खेत मे पोधो में रोग कम लगता हैं तथा खेत मे दीमक वह अन्य कीट को नस्ट कर देता है जिस कारण कीटनाशी में लागत भी कम आती है।

जैविक खाद के उपयोग क्या है? Jaivik Khad Ke Upyog Kya Hai

जैविक खाद के काफी सारे उपयोग होते है जिसके बारे में हम आपको विस्तार से बता देते है तो चलिये दोस्तो जानते है जैविक खाद के उपयोग के बारे में।

  • हम जैविक खाद का इस्तेमाल बंजर भूमि में कर सकते है, लगातार एक से दो साल तक हम किसी भी बंजर भूमि के अंदर अगर जैविक खाद का इस्तेमाल करते है तो इससे बंजर भूमि वापस उपजाऊ हो जाती है।
  • जैविक खाद का उपयोग हम अपने खेतों में उगाने वाली फसलों में कर सकते है इससे हमारे खेत का उपजाऊपन बना रहता है।
  • जैविक खत को काफी सारे किसान सब्जियाँ बीजते समय उपयोग में लेते है इससे सब्जियों की पैदावार में बहुत ज्यादा फर्क देखने को मिलता है।

इसके अलावा भी जैविक खाद के काफी सारे उपयोग होते है आप इसे चाहे तो बाजार में बेच भी सकते है यह बढ़िया खाद होती है।

जैविक खाद कहां मिलता है? Jaivik Khad Kaha Milti Hai

दोस्तो अगर आप अपने घर पर जैविक खाद तैयार किए बिना खरीदना चाहते है तो आपको यह खाद उन किसान भाइयों से मिल सकती है जो घर पर इस प्रकार की खाद को बनाकर बेचते है।
इसके अलावा Amazon, Flipkart, IndiaMart तथा पतंजलि जैसी वैबसाइट की मदद से आप चाहे तो ऑनलाइन भी बढ़िया क्वालिटी की जैविक खाद खरीद सकते है।
 
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जैविक खाद कहाँ बेचें?

अगर आपने भी जैविक खाद तैयार की है और आप इसे बेचना चाहते है तो आप Amazon, Flipkart, IndiaMart पर बेच सकते है। इसके अलावा अगर आप अपनी दुकान लगाकर बाजार में भी जैविक खाद बेच सकते है।
 
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जैविक खाद बनाने की मशीन कौनसी है? Jaivik Khad Banane Ki Machine

आज के समय में जैविक खाद बनाने के लिए Cow Machine का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है। Cow Machine Jaivik Khad Banane Ki Machine काफी बढ़िया मशीन है और इस मशीन को Cow Machine इसलिए कहा जाता है क्योकि यह मशीन गाय के पेट जैसी दिखती है।
आप Cow मशीन की विडियो यहाँ देख सकते है

PSB क्या है?

PSB को हिन्दी मे फास्फोरस घोलक जीवाणु कहते हैं यह एक तरल पदार्थ है जिसमे 1 मिलीलीटर PSB में 10 करोड़ वैक्टीरिया पाये जाते हैं।

रॉक फास्फेट क्या है?

रॉक फास्फेट बारीक पत्थर की तरह चूर्ण जैसा होता हैं, यह अलग अलग रंग का होता हैं। इसमे 22 फीसदी फास्फोरस पाया जाता है अगर 100 किलो गोबर या कचरा है उसमें 100 किलो ही रॉक फास्फेट मिलाना है।

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कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर :

1. जैविक खाद के नाम क्या है? 

जैविक खाद को ऑर्गेनिक खाद कहते हैं इसके अलावा जैविक खाद को जीवांश खाद, कार्बनिक खाद भी कहते हैं।

2. जैविक खाद का प्रभाव मिट्टी में कितने समय तक रहता है

जैविक खादों का मिट्टी में प्रभाव 2 से 3 साल तक रहता है।

3. खाद क्या है 

खाद एक जैविक पदार्थ है जो पोधो की फूल पतिया या पशुओं के  गोबर को सड़ाकर तैयार किया जाता है

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निष्कर्ष –

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दोस्तो आज के आर्टिक्ल को हमने Special उन किसान भाइयों के लिए लिखा है जो जैविक खेती करने के लिए अपने घर पर जैविक खाद बनाना चाहते है। इस आर्टिक्ल में आपको जैविक खाद बनाने की विधि क्या है? Jaivik Khad Banane ka Tarika के बारे में विस्तार से जानकारी मिली है।
आपको इस आर्टिक्ल के अंदर हमने अनेक ऐसी विधियाँ बताई है जिसकी मदद से आप अपने घर पर जैविक खाद तैयार कर सकते है। अगर आपको इसके बाद भी जैविक खाद बनाने में कोई दिक्कत आती है तो आप हमसे कमेंट में पूछ सकते है। हम आपके सवाल का जरूर जवाब देंगे।
 
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