
दीपावली पर निबंध हिंदी में , Diwali Par Nibandh,दिवाली पर निबंध
दोस्तो दीपावली भारत देश का सबसे प्रमुख ओर सबसे बड़ा त्योहार है जिसे बड़े ही धूम धाम तरीको से बनाया जाता है दीपावली का त्योहार खुशियों का त्योहार है इस दिन सभी घरों में गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है वह लक्ष्मी जी को प्रसन्न करके धन और दौलत की पुकार करते है
दीपावली का त्योहार बाहर के देशों में भी बनाया जाता है भारत के निवाशी जो भारत से बाहर रहते है वे भी दीपावली का त्योहार बड़ी धूम धाम से बनाते है यह त्योहार 2 दिन तक बनाया जाता है।
दीपावली का अर्थ होता है दीप और आवली अर्थात यह दो शब्दों से मिलकर बना है। दीप + आवली = दीपावली के यह दोनों शब्द संस्कृत भाषा के शब्द है,जिसका मतलब होता है दीपों की श्रृंखला। दीपावली भारत देश के सभी नागरिकों का खुशियों का त्यौहार है
इस त्योहार पर स्कूलों के बच्चों की छुटीया होती है जिसमे बचो को अलग अलग निबंध लिखने को कहते है जिसमे एक निबंध दीपावली पर भी लिखने को कहते है तो आइए हम आपके लिए हमारे ब्लॉग पर दीपावली का निबंध लेकर आये है अगर आपको भी निबंध लिखने को दिया है तो आप यहां से देखकर लिख सकते हो।
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प्रस्तावना
भारत देश में अनेक प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है लेकिन उन सभी त्योहारों में सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली का त्यौहार है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दिवाली के त्यौहार को इसलिए मनाया जाता है की 14 वर्ष के वनवास और रावण का वध करके भगवान श्री राम अपने जन्मभूमि अयोध्या लौटे थे। इसलिए वहां के लोगो के द्वारा इस दिन घी के दिए जलाये गए थे,
तब से ही दिवाली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। दिवाली में विभिन्न प्रकार के उपहारों को अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को तोहफे भेंट किये जाते है। दिवाली के त्यौहार के समय कुछ अलग ही प्रकार की रौनक देश में दिखाई देती है यह सभी लोगो का एक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक त्यौहार है लोगो के द्वारा दिवाली को ख़ुशी के रूप में मनाया जाता है।
संपूर्ण भारत वर्ष में इस त्यौहार को खुशियों के रूप में मनाया जाता है, हिंदू धर्म के में से सबसे प्रमुख त्यौहार दीपावली का त्यौहार है। भगवान राम के 14 वर्ष वनवास के पूर्ण होने पर अयोध्य लौटने की ख़ुशी में इस त्यौहार को मनाया जाता है। दिवाली के त्यौहार मनाने के लिए सभी लोगो के द्वारा कई दिनों पहले तैयारियां शुरू की जाती है। बड़े हर्ष और उल्लास और खुशियों के साथ में दीपावली को एवं दिवाली के साथ आने वाले सभी फेस्टिवल को ख़ुशी के साथ सेलिब्रेट किया जाता है।
दीपावली त्योहार की तैयारी
दीपावली त्योहार की तैयारियां दिपावली से कई दिनों पहले ही आरंभ हो जाती है। दीपावली के कई दिनों पहले से ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुथरे होते हैं, उन घरों में दिपावली के दिन माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं
और अपना आशीर्वाद प्रदान करके वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोत्तरी करती है। दिवाली के नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीपक और तरह-तरह के लाइट से सजाना शुरू कर देते हैं। ओर दीपावली के दिन घरों में तरह तरह के पकवान बनाते है वह बाजार से भी तरह तरह की मिठाईयां लेकर आते है
दिपावली का इतिहास
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन ही भगवान राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और उनके उत्साही भक्त हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे, अमावस्या की रात होने के कारण दिपावली के दिन काफी अंधेरा होता है, जिस वजह से उस दिन पुरे अयोध्या को दीपों और फूलों से श्री राम चंद्र के लिए सजाया गया था ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो, तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।
इस शुभ अवसर पर, बाजारों में भगवान गणेश जी, लक्ष्मी जी, राम जी आदि की मूर्तियों की खरीदारी की जाती है। बाजारों में खूब चहल पहल होती है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है। हिंदुओं द्वारा देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है क्योंकि व्यापारी दिवाली के पर्व पर नई खाता बही की शुरुआत करते हैं।
साथ ही, लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है। लोग दिवाली के त्योहार के दौरान अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं।
दीपावली कब मनाई जाती है
उत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतु के कार्तिक माह की पूर्णिमा को यह दिपोत्सव धूम-धाम से मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है।
दिवाली का त्यौहार की विशेषता
अंधकार पर प्रकाश की विजय,बुराई पर अच्छी की विजय का यह पर्व समाज में नयी उमंग, उत्साह का संचार करता है ,आपसी भाई-चारा और प्रेम के सन्देश का सूचक यह त्यौहार अपने आप में बहुत ज्यादा महत्त्व रखता है। यह त्यौहार सामूहिक रूप तथा व्यक्तिगत रूप दोनों ही प्रकार से मनाया जाने वाला त्यौहार है जो धार्मिक और सामाजिक विशेषता रखता है
अलग-अलग राज्य, क्षेत्र में दीपावली मनाने के कारण एवं तरीके अलग-अलग हैं। भारत के सभी जगह यह त्यौहार अपनी अलग-अलग विशेषता को संजोये हुए है। सभी लोगों में दीपावली के त्यौहार को लेकर बड़ी उत्सुकता होती है। लोग अपने घरों,दफ्तरों की साफ सफाई करना कुछ दिन पूर्व से ही शुरू कर देते हैं।
मिठाइयों और उपहार को एक दूसरे को भेंट करते हैं, एक दूसरे के घर जाते है। हर घर के आंगन में सुन्दर रंगोली बनाते है, तरह तरह के दीपक जलाए जाते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते है। बड़े-छोटे सभी आयुवर्ग के लोग इस त्योहार में बढ़ चढ़ कर भाग लेते हैं। अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक यह पवन त्यौहार समाज के हर वर्ग के लिए उत्साह सम्पनता को लेकर आता है। दिवाली का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है।
दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव
दीपावली का यह त्योहार करीब 5 दिनों का होता है
जिस के पहले दिन धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु की वस्तुओं जैसे सोने और चांदी के आभूषण को खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं।
दूसरा दिन -दीपावली के दूसरा दिन को नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। लोगों द्वारा इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है। घर के बाहर दीपक जलाये जाते हैं।
तीसरा दिन दीपावली त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन महालक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।मां सरस्वती और भगवान श्री गणेश की पूजा भी की जाती है। इस दिन घरों के आंगन में रंगोली बनाई जाती है और विभिन्न प्रकार की मिठाइयां रसोई में बनाई जाती है।
दीपावली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था। इस दिन महिलाएं घर के बाहर गोबर की पूजा करती है
दिवाली के त्योहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। बहन अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बाँधती हैं और तिलक लगाकर उन्हें मिठाई खिलाती है और सभी भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा करने का वचन और उपहार देते है।
दिवाली में किसकी पूजा की जाती है
दिवाली के शुभ अवसर में हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सूर्यास्त होने के पश्चात भगवान् गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। यह पूजा धन की प्राप्ति और स्वस्थ जीवन के लिए की जाती है लक्ष्मी जी के आवागमन के लिए उस दिन घरों में रंगोली भी बनाई जाती हैऔर लक्ष्मी जी की पूजा के लिए लक्ष्मी आरती की जाती है भगवान गणेश की पूजा करने के लिए गणेश आरती की जाती है। दिवाली त्यौहार देश में बच्चे और बड़े सभी लोगो का पसंदीदा त्यौहार है। दिवाली के बाद और उससे पहले अन्य प्रकार के त्यौहार भी भारत में मनाये जाते है।
दीपावली का आध्यात्मिक महत्व
दिवाली के पर्व से हमे ना केवल धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक ज्ञान भी मिलता हैं। आज के समाज में जहाँ कटुता, शत्रुता, ईर्ष्या इतनी अधिक बढ़ गयी हैं तब हमे दिवाली संदेश देती हैं कि मनुष्य को अपने सभी स्वार्थों का त्याग कर केवल धर्म का पालन करना चाहिए व किसी का भी अहित नही करना चाहिए।
यह हमे परमात्मा के दर्शन करने व हमेशा अपने कर्तव्य के पथ पर आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देती है। यदि हम सच्चे मन से दिवाली को मनाएंगे तो इससे हमे मानसिक शांति का अनुभव होगा व जीवन को कैसे जिया जाये, इसके बारे मे ज्ञान होगा
दिपावली का सामाजिक महत्व
इस दीपावली के त्यौहार को सभी धर्मों के लोगों के द्वारा मिल-जुलकर मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घर के मंदिरों में पूजा पाठ किया करते हैं। जिससे सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा मिलता है। वर्तमान समय में इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में जब किसी के पास किसी अन्य व्यक्ति के लिए समय नहीं है
तो यही त्यौहार हैं जिसमे आपको मौका मिल पता है इक दूसरे के साथ मिलने का जिससे लोगों में सद्भवना आती है।लोगों को एक- दूसरे के त्योहारों की विशेषता का पता लगता है। अलग-अलग धर्मों के लोग एक दूसरे के त्योहारों में रूचि दिखते हैं और त्योहारों को एक साथ मानते हैं। इस तरह त्यौहारों का अपना एक सामाजिक महत्त्व होता है जो सामाजिक सद्भवना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करता है।
दिपावली का आर्थिक महत्व
दीपावली के त्यौहार में भारत के हर बाजार में खरीदारी की जाती है। सभी लोग बाजार जाते हैं और अपने लिए नए कपडे मिठाइयां सामान पटाखे खरीदते हैं। इस त्योहार में नए सामान को खरीदना शुभ माना जाता है क्योंकि माँ लक्ष्मी को, धन, समृद्धि, की देवी के रूप में माना जाता है। दीवाली के समय सोने और चांदी की खूब खरीददारी होती है साथ ही साथ नए वस्त्र ,मिठाई, और पटाखों की खूब बिक्री भी होती है इस दौरान हर जगह खूब चहल पहल देखने को मिलती है आसमान में खूब रोशनी प्रकाशमान रहती है।लोग पटाखों पर खूब खर्चा करते हैं।
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उपसंहार
दीपावली स्वयं के अंदर के अंधकार को मिटा कर समूचे संसार को प्रकाशमय बनाने का त्योहार है। बच्चे इस दिन अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियाँ तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं। हमें इस बात को समझना होगा कि दीपावली के त्योहार का अर्थ दीप, प्रेम और सुख-समृद्धि से है। ऐसे में पटाखों का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक और अपने बड़ों के सामने रहकर करना चाहिए।
दिवाली का त्योहार हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। दीपावली का त्योहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्योहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है। हिंदी साहित्यकार गोपालदास नीरज ने भी कहा है, “जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।” इसलिए दीपावली पर प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देने के प्रयत्न करने चाहिए ( दीपावली पर निबंध हिंदी में , Diwali Par Nibandh,दिवाली पर निबंध )
दीपावली को किस तरह से बड़ी उत्सुकता के साथ बनाये
दीपावली का अर्थ होता है ‘दीप’ और ‘प्रकाश’ इसलिए सभी लोग दिवाली के त्यौहार को बड़ी शांति और सदभावना के साथ मनाये। पटाखों के जलाने से प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है और यह सबसे बड़ी गंभीर समस्या है। इस दिवाली आओ मिलकर सभी यह संकल्प लें की प्रकृति के लिए कुछ उपहार भेंट करें और यह उपहार आप पटाखों का उपयोग न करके कर सकते है।
देश के छोटे व्यापारियों और कुम्हारों को आर्थिक रुप से सुदृढ़ बनाकर देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में हम उनकी मदद करने के लिए इलेक्ट्रिक लाइटों का प्रयोग न करके अधिक से अधिक दीयों का प्रयोग कर सकते है। और इस तरीके से दिवाली पराम्परिक रूप से मनाई जाएगी
दिवाली खुशियों का त्यौहार है अपने मनोरंजन और आनंद के लिए कभी भी किसी बेजुबान जानवरों और प्रकृति को हानि ना पहुचायें। हम सभी लोगो का यह कर्तव्य है की लोगो को दिवाली किस तरीके से मनानी चाहिए उसके लिए जागरूक करना।
पटाखों की आवाज सुनकर बहुत से बेजुबान जानवर भी इनकी आवाजों से डर जाते है और घर के बुजुर्ग लोग भी पटाखों की ध्वनि से परेशान हो जाते है। और इसकी आवाज से ध्वनि प्रदूषण की उत्पत्ति होती है।
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दिवाली में क्या खास है
उत्तर: इस त्योहार के दौरान, लोग अपने घरों को रंगोली और तेल के दीयों से सजाते हैं, जिन्हें दीपक कहा जाता है। सभी एक दूसरे को बधाई देते हैं, अच्छे अच्छे पकवान बनाते हैं, पटाखों से आतिशबाजी करते हैं और मिल-जुल कर सौहार्द के साथ दिवाली के पर्व को मनाते हैं। ( दीपावली पर निबंध हिंदी में , Diwali Par Nibandh,दिवाली पर निबंध )
दिवाली क्यों मनाई जाती है
पौराणिक कथाओं के अनुसार दिपावली के त्यौहार को मनाये जाने के के पीछे यह तर्क है की जब भगवान् श्री राम 14 वर्ष के वनवास को काटकर और रावण का वध करके अपनी जन्मभूमि अयोध्या की तरफ लौटे थे तो उनके अयोध्या लौटने की ख़ुशी में अयोध्या के लोगो के द्वारा इस दिन घी के दिए जलाये गए थे,
उसी दिन से ही दिपावली का यह पवन त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। दिपावली में विभिन्न प्रकार के उपहारों और मिठाइयों को अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को दिया जाता है और पटाखे जलाये जाते हैं। दिवाली के त्यौहार में भारत में हर घर में रौशनी फैली होती है। दिवाली सभी लोगो का एक महत्वपूर्ण त्त्यौहार है
दीपावली का अर्थ क्या है
उत्तर: दीपावली’ संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति
दीपावली कब मनाई जाती है
दीपावली दशहरे के 21 दिन बाद अक्टूबर से नवम्बर माह के बीच में कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस त्यौहार को धूमधाम से कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल द्वितीय अर्थात् पाँच दिनों मनाया जाता है।
दोस्तो आज हमने आपको इस आर्टिकल में बताया कि दीपावली क्यो बनाई जाती है कैसे बनाया जाती है इस पर हमने आपको एक पूरा निबंध लिखा है जिसमे आपको बताया कि दीपावली का त्योहार कब से शुरू होवा है इस त्योहार को इतनी ख़ुशी के साथ क्यो बताया जाता है वह इस त्योहार पर लोग घरों में क्या क्या करते है दीपावली का महत्व क्या है इस तरह के वह सभी जानकारी दी है जिसकी आपको आवश्यकता होती है ( दीपावली पर निबंध हिंदी में , Diwali Par Nibandh,दिवाली पर निबंध )
दोस्तो अगर आप किसी स्कूल में पढ़ रहे हो ओर आपको दीपावली की छुटियो में दीपावली पर एक निबंध लिखने को कह दे ओर वह आपको नही आता तो आप हमारे आर्टिक्ल को पढ़कर इस निबंध को लिख सकते ( दीपावली पर निबंध हिंदी में , Diwali Par Nibandh,दिवाली पर निबंध )
इस तरह से आपको इज निबंध बहुत अधिक फायदे देने वाला है दोस्तो अगर आपको आर्टिक्ल अच्छा लगा तो आप हमे कॉमेंट कर सकते हो जिससे हमे बहुत खुशी होगा और आपके लिए अधिक से अधिक आर्टिक्ल लेकर आयेगे ( दीपावली पर निबंध हिंदी में , Diwali Par Nibandh,दिवाली पर निबंध )
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