ऐ मेरे वतन के लोगों ,Aye Mere Watan Ke Logo Lyrics in Hindi

Music Composer – C. Ramchandra

Lyricist – Pradeep Kumar

Singer – Lata Mangeshkar

Music Label – Saregama Music

Release Date – 26th January 1963

Genre – Patriotic Song

Language – Hindi

“ऐ मेरे वतन के लोगो” भारत में सबसे प्रतिष्ठित और प्रिय देशभक्ति गीतों में से एक है। इसे सी. रामचन्द्र ने संगीतबद्ध किया था, जबकि हार्दिक गीत प्रदीप कुमार ने लिखे थे। इस गाने को सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने बहुत खूबसूरती से गाया है। इसे 26 जनवरी 1963 को म्यूजिक लेबल सारेगामा म्यूजिक के तहत रिलीज़ किया गया था।

यह गीत बहुत भावनात्मक महत्व रखता है क्योंकि यह 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देता है। “ऐ मेरे वतन के लोगो” तुरंत हिट हो गया और अपनी शक्तिशाली क्षमता के कारण पीढ़ी दर पीढ़ी लोग इसे याद करते हैं। गीत और भावपूर्ण प्रस्तुति लता मंगेशकर द्वारा।

ऐ मेरे वतन के लोगों ,Aye Mere Watan Ke Logo Lyrics in Hindi

ऐ मेरे वतन के लोगों,
तुम खूब लगा लो नारा

ये शुभ दिन हैं… हम सब का,
लहरा लो तिरंगा प्यारा..
पर मत भूलो सीमा पर,
वीरों ने हैं प्राण गवाये

कुछ याद उन्हें भी कर लो,
कुछ याद उन्हें भी कर लो
जो लौट के घर ना आये,
जो लौट के घर ना आये

ऐ मेरे वतन के लोगों,
ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी

ऐ मेरे वतन के लोगों,
ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी

तुम भूल ना जाओ उनको
इसलिए सुनो ये कहानी
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी

जब घायल हुआ हिमालय,
ख़तरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लडे वो..
जब तक थी साँस लडे वो,

फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा,
सो गये अमर बलिदानी
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी

जब देश में थी दीवाली,
वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में..
जब हम बैठे थे घरों में ..
वो झेल रहे थे गोली

थे धन्य जवान वो अपने,
थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी

कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई गुरखा कोई मदरासी
कोई गुरखा कोई मदरासी

सरहद पर मरनेवाला…
सरहद पर मरनेवाला
हर वीर था भारतवासी

जो खून गिरा पर्वत पर,
वो खून था हिन्दुस्तानी
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी

थी खून से लथपथ काया,
फिर भी बंदुक उठाके
दस दस को एक ने मारा,
फिर गिर गये होश गँवा के

जब अंत समय आया तो…

जब अंत समय आया तो
कह गये के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों,

खुश रहना देश के प्यारों,
अब हम तो सफ़र करते हैं

अब हम तो सफ़र करते हैं

क्या लोग थे वो दीवाने,
क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी

तुम भूल ना जाओ
उनको इसलिए कही ये कहानी
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद की सेना
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद की सेना

जय हिंद,जय हिंद,जय हिंद
जय हिंद,जय हिंद,जय हिंद

Aye mere watan ke logon
Tum khub laga lo naara
Yeh shubh din hai hum sab kaa
Lehra lo tiranga pyaara

Par mat bhulo seema par
Viron ne hai pran gawayen
Kuchh yaad unhe bhi kar lo
Kuchh yaad unhe bhi kar lo
Jo laut ke ghar naa aaye
Jo laut ke ghar naa aaye

Aye mere vatan ke logon
Jara aankh me bhar lo pani
Jo shahid huye hain unki
Jara yaad karo kurbani

Aye mere watan ke logon
Jara aankh me bhar lo paani
Jo shahid huye hain unki
Jara yaad karo kurbani

Tum bhool na jao unko
Isliye suno ye kahaani
Jo shahid huye hain unki
Jara yaad karo kurbani

Jab ghaayal huva himalay
Khatre me padi aazadi
Jab tak thi saans lade woh
Phir apni laash bichha di

Sangeen pe dhar kar maatha
So gaye amar balidani
Jo shahid huye hain unki
Jara yaad karo kurbani

Jab desh me thi diwali
Woh khel rahe the holi
Jab hum baithen the gharon me
Jab hum baithen the gharon me
Woh jhel rahe the goli

The dhanya jawaan woh apne
Thi dhanya woh unki jawaani
Jo shahid huye hain unki
Jara yaad karo kurbani

Koi sikh koi jaat marathha
Koi sikh koi jaat marathha
Koi gurkha koi madrasi
Koi gurkha koi madrasi

Sarhad pe marne wala..
Sarhad pe marne wala
Har veer tha bhaaratbasi

Jo khoon gira parvat par
Wo khoon tha hindustani
Jo shahid huye hain unki
Jara yaad karo kurbani

Thi khoon se lat-pat kaaya
Phir bhi banduk uthake
Dus dus ko ek ne maara
Phir gir gaye hosh gawan ke

Jab antsamay aaya to..
Jab antsamay aaya to
Keh gaye ke ab marte hain
Khus rehna desh ke pyaaron..
Khus rehna desh ke pyaaron
Ab hum to safar karte hein
Ab hum to safar karte hein

Kya log the wo deewane
Kya log the wo abhimani
Jo shahid huye hain unki
Jara yaad karo kurbani

Tum bhool na jao unko
Isliye kahi ye kahaani
Jo shahid huye hain unki
Jara yaad karo kurbani

Jai Hind Jai Hind Jai Hind Ki Sena
Jai Hind Jai Hind Jai Hind Ki Sena

Jai Hind Jai Hind Jai Hind
Jai Hind Jai Hind Jai Hind

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ऐ मेरे वतन के लोगो गाने कि जानकारी

“ऐ मेरे वतन के लोगों” गीत का जनक और संगीतकार जवाहर लाल नेहरू नहीं हैं। यह गीत जनरल डायरेक्टर के नेतृत्व में उपन्यासकार आर.डी. बर्मन (R.D. Burman) और गीतकार कवि प्रदीप (Pradeep) द्वारा लिखा और संगीतिश्चित किया गया था। यह गीत पहली बार फिल्म “हकीकत” (Haqeeqat) में 1964 में प्रदर्शित किया गया था। यह गीत वीरता, गर्व और देशभक्ति की भावना को प्रकट करता है और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को समर्पित है।

गाने के माध्यम से लोगों को याद दिलाया जाता है कि हमारे देश के वीर सैनिकों ने अपनी जानों की कुर्बानी देकर हमारी स्वतंत्रता को मुमकिन बनाया है। गाने में शहीद सैनिकों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त किए जाते हैं और लोगों से यह अनुरोध किया जाता है कि वे इन वीरों को सदैव याद रखें और उनकी साहसिकता को सम्मान दें।

गीत में उन वीर सैनिकों की भूमिका को महत्वपूर्णता दी गई है जो देश के लिए अपनी जान न्यौछावर कर देते हैं। यह गाना राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देता है और लोगों को आपसी विभाजनों को पार करके देश के हित में एकजुट होने की आवश्यकता को समझाता है। इस गीत का महत्वपूर्ण सन्देश है कि हमें एक साथ मिलकर देश की प्रगति और सुरक्षा के लिए काम करना चाहिए और वीर सैनिकों के बलिदान को सम्मानित करना चाहिए।

ऐ मेरे वतन के लोगों के साथ बहुत से किस्से भी जुड़े हुए हैं

ऐ मेरे वतन के लोगों” गाने के साथ बहुत से किस्से जुड़े हुए हैं जो देशभक्ति और स्वतंत्रता संग्राम के संबंध में हैं। इस गाने का उद्घाटन एक ऐसी परिस्थिति से हुआ था जब भारतीय सेना के सैनिकों ने 1962 में चीन के साथ लड़ाई में वीरगति को प्राप्त किया था। यह गीत उन शहीदों को समर्पित है जिन्होंने देश के लिए अपनी जानें न्यौछावर कर दी।

इस गाने के साथ कई महत्वपूर्ण किस्से जुड़े हैं।

  1. भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु: इन तीनों स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए अपनी जानें दी। उनका बलिदान आज भी याद किया जाता है और उन्हें वीर और देशभक्त के रूप में सम्मानित किया जाता है।
  2. कृष्ण कुमार गुप्ता: यह गीत उन्हें समर्पित है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। वे नेताओं के लिए गीतकार के रूप में जाने जाते हैं और उन्होंने अपनी कविता “ऐ मेरे वतन के लोगों” को बहुत ही महानतम काव्य बनाया।
  3. भारतीय सेना: यह गीत भारतीय सेना के सभी सैनिकों को समर्पित है जो देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान न्यौछावर करते हैं। इस गाने के माध्यम से उन्हें सम्मान दिया जाता है और उनके बलिदान की प्रशंसा की जाती है।
  4. भारतीय लोग: इस गाने के माध्यम से सामान्य भारतीय नागरिकों को याद दिलाया जाता है कि उनकी स्वतंत्रता और सुरक्षा के पीछे देश के सैनिकों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्हें धन्यवाद दिया जाता है और उनके साथ एकजुट होने के लिए प्रेरित किया जाता है।

ऐ मेरे वतन के लोगों के पहली बार कब गाया गया

“ऐ मेरे वतन के लोगों” गाना पहली बार फिल्म “हकीकत” (Haqeeqat) के लिए गाया गया था, जो 1964 में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म का निर्माण वीरता, देशभक्ति और स्वतंत्रता संग्राम के विषय पर आधारित है। “हकीकत” फिल्म के निर्माता और निर्देशक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के ब्रिगेड कमांडर सुरजीत सिंह बडाल के जीवन पर आधारित है। यह फिल्म भारतीय सेना के ब्रिगेड कमांडर सुरजीत सिंह बडाल द्वारा चीन-भारत युद्ध (1962) में हुए घटनाओं पर आधारित है।

“ऐ मेरे वतन के लोगों” गाना इस फिल्म में सुनाया गया था और इसे लता मंगेशकर ने गाया था। इस गाने के शब्द आर.डी. बर्मन द्वारा लिखे गए हैं और इसे प्रदीप ने संगीतिश्चित किया है। गाने का उद्घाटन एक सामरिक और भावनात्मक माहौल में हुआ था और यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को समर्पित है।

इस गाने के रूप में “ऐ मेरे वतन के लोगों” ने बहुत ही व्यापक प्रभाव डाला है और यह एक ऐसा राष्ट्रीय गीत बन गया है जो भारतीयों के बीच गर्व और एकता की भावना को प्रोत्साहित करता है।

ऐ मेरे वतन के लोगो गाने का विवरण

गीत “ऐ मेरे वतन के लोगों” एक भारतीय पत्रकार और संगीतकार जवाहर लाल नेहरू द्वारा लिखा गया है। यह गीत उन वीर सैनिकों को समर्पित है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपनी जानों की कुर्बानी दे गए। यह गीत राष्ट्रीय एकता, देशभक्ति और गर्व के भाव को प्रकट करता है।

गीत के शुरुआती पंक्ति “ऐ मेरे वतन के लोगों, तुम खूब लगा लो नारा” से प्रारंभ होती है, जिसे एक नारा या स्लोगन के रूप में बताया गया है। यह नारा देशभक्ति और सम्मान की भावना को जताता है। गाने में शहीद सैनिकों की समर्पण को याद करने की अपील की गई है, और लोगों से उन्हें सम्मान देने का आह्वान किया गया है।

गीत में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जो बलिदान दिया गया है, उसके लिए गर्व और आभार प्रकट किए गए हैं। यह गाने की मुख्य धारा है जो एकता, अखंडता, और देशप्रेम के भावों को बढ़ावा देती है। गीत के माध्यम से देशभक्ति की भावना और गर्व की भावना को व्यक्त किया जाता है और लोगों को इस भावना को समझाने और उसे जीने के लिए प्रेरित किया जाता है।

गाने में देश के वीर सैनिकों के त्याग, उनके बलिदान और उनकी कुर्बानी की याद की जाती है। इसके साथ ही, यह गीत लोगों को भी याद दिलाता है कि देश की सुरक्षा और स्वतंत्रता के लिए हम सबको एकजुट होकर काम करना चाहिए और वीर सैनिकों के सम्मान में अपना योगदान देना चाहिए।

गीत के माध्यम से जाती, भाषा, धर्म, रंग और क्षेत्र के अलगावों को पार करते हुए सबको एकजुट करने की महत्वपूर्णता बताई जाती है। इसे भारतीय राष्ट्रीय गान के रूप में मान्यता प्राप्त है और यह गाना भारतीयों के बीच गर्व, एकता और भारतीयता की भावना को जगाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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