ककड़ी की खेती कब करें / kakdi ki kheti kab kare

 ककडी की खेती से ज्यादा मुनाफा ककडी की खेती कैसे करे   

ककड़ी की खेती ( kakdi ki kheti )

सभी किसान भाई को नमस्कार आज हम ककड़ी की फसल के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे ककडी को तर भी कहा जाता है ककड़ी का प्रयोग आम तौर पर सलाद के रूप में किया जाता है ये फसल कम समय में तैयार हो जाती है बाजार में इसकी अच्छी मांग होती है आप भी ककड़ी के खेती कर सकते हैं जिससे कम समय मे अच्छी आमदनी कर सकते हैं बाजार के आस पास के किसान ककड़ी से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं इसके लिए जरूरी है ककड़ी की खेती के बारे में जान लेना। 
गर्मियों में इस फसल की अच्छी कीमत मिलती है इस कारण किसानों को बाजार के बारे में जानकारी रखनी  चाहिए 

ककड़ी के प्रकार ( kakdi ke parkar )

1.कमल ककड़ी की खेती
2.देसी ककड़ी की खेती
3.रेत ककड़ी की खेती
4.खीरा ककड़ी की खेती
5.तर ककड़ी की खेती

ककड़ी बोने की विधि (Kakdi ke bij bone ka tarika)

1. कमल ककड़ी की खेती (kamal kakdi ki kheti)

कैसे होती है कमल ककडी की खेती आइये जानते हैं 
कमल की खेती करने के लिए खेत को तालाब का  आकार  दे दिया जाता है इसमे प्रति हेक्टेयर 10 से 15 हजार की लागत आती है फसल लगभग 3-4 महीने में तैयार हो जाती है कमल बाजार में 10से 15 रुपये बिकता है इसके बीज ओर जड़ो की अच्छी खासी डिमांड है इनकी जड़ो को कमल ककडी कहते हैं जिनमे छोटे छोटे छेद होते हैं 
इससे किसानों को प्रति हेक्टेयर 40 से 50 तक कि कमाई हो जाती है

कमल ककडी के फायदे | kamal kakdi ke fayde

कमल ककडी जल में पाया जाने वाला एक पोदा है
अगर आप मोटापा से परेसान है तो कमल ककडी का सेवन रोजाना करीये 
आखो की रोशनी के लिए फायदे मन्द है इसमें विटामिन a भरपूर मात्रा में पाया जाता है 
रक्त बढ़ाने में लाभदायक है 

2. रेत ककड़ी की खेती ret kakdi ki kheti /balam kakdi ki kheti

 रेत ककड़ी को हम बालम ककड़ी भी कहते हैं इसकी बुवाई हम फरवरी  – मार्च में करते है अगर सिचाई की व्यवस्था है तो जनवरी में भी बुवाई कर सकते हैं 
 बालम ककड़ी की बुवाई  बालुई दोमट मिटटी या दोमट मिट्टी में कर सकते हैं
 

 रेत ककड़ी की अधिक पैदावार देने वाली किस्मे

 1. अर्का शीतल 
 अर्का शीतल  रेत /बालम ककड़ी की बहुत ही फेमस वैरायटी है 
 इसका फल मध्य्म आकार के हरा रंग का फल लगता है
 इसका फल 90 से 100 दिन में तैयार हो जाता है 
 इसकी पैदावार 200 से 250 क्विटल प्रति हेक्टेयर होती है 
 2. पंजाब स्पेशल
 पंजाब स्पेशल जल्दी पकने वाली वेरायटी है इसका रंग हल्का पीला होता है फलों की लंबाई अधिक होती है 
 इसकी पैदावार 200 से 250 क्विटल प्रति हेक्टेयर होती है 
 3. दुर्गापुरी ककड़ी
  दुर्गापुरी ककड़ी को राजस्थान में अधिक उगाते है इसके फल जल्दी पक कर तैयार हो जाते हैं इसकी पैदावार 200 से 250 क्विटल प्रति हेक्टेयर होती है
4. लखनऊ अली
उत्तर भारत में इस वेरायटी का अधिक चयन किया जाता है 
इसका फल लम्बे ओर हल्के हरे रग के होते हैं 
इसकी पैदावार 150 से 180 क्विटल प्रति हेक्टेयर होती है
नॉट – इन सभी की बुवाई के किये बीज 2 से 3 किलो प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता पड़ती है 

3.खीरा ककड़ी की खेती khira kakdi ki kheti

खीरे की खेती के लिए अधिकतम तापमान 40℃ ओर न्यूनतम तापमान 20℃ होना चाहिये खीरे की अच्छी पैदावार के लिए 25℃ से 30℃ होना चाहिए खीरे की खेती के लिए दोमट मिट्टी जहा जल विकास की व्यवस्था हो 
बुवाई के लिए एक हेक्टेयर में 2 से 3 किलो बीज की जरूरत होती है 

खीरे की प्रजाति khire ki prajati

1. हीमगी 
2. जापानी लॉन्ग ग्रीन 
3. शीतल
4. स्टेट 8
5. खीरा 75
6. खीरा 90
7. पूना खीरा
8. पूसा सयोग
9. हाइब्रिड1
10. हाइब्रिड2
इसमे से सबसे अच्छी किस्म खीरा 90 ओर हाइब्रिड2 है
जापानी लॉन्ग ग्रीन खीरा 
यह एक अगेती किस्म है जो कि 40 से 45 दिन में फल देना शुरू कर देती है 
इसके फल 30 से 40 सेंटीमीटर लम्बे ओर गहरे हरे रंग के होते हैं 
 
स्टेट 8 खीरा 
यह भी एक अगेती किस्म है इसके फल 25 से 30 सेंटीमीटर लम्बे होते हैं मोटे ओर सीधे बेलना कर के होते हैं 
इसकी औसत पैदावार 200 से 250 क्विटल प्रति हेक्टेयर होती है
 पूसा सयोग खीरा 
 
यह एक हाइब्रिड किस्म है जिसकी लम्बाई 20 से 30 सेंटीमीटर होती है 
यह हरा रंग का होता है जिस पर पीले काटे लगे होते हैं
 पूसा सयोग खीरा 50 दिन में तैयार हो जाती है
 इसकी पैदावार 250 से 300 क्विटल प्रति हेक्टेयर होती है
ककडी में रोगों का उपचार
 तर ककडी में लाल कीड़े पड़ जाते हैं तो ये कीड़े पतो को नुकसान पहुचाते है  इसके रोगों की रोकथाम के लिए मेलाथियान का छिड़काव करे 
 तर ककडी पर छाछिया रोग हो जाता है जिससे पतो पर सफ़ेद सफ़ेद जम जाता है 
 इसके लिए गधक के पाउडर का छिड़काव करें
kulwant singh bhati
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